नई दिल्ली : मिस यूएसए रहीं आर बॉनी गेब्रिएल ने अब अपने सर पर मिस यूनिवर्स 2022 का ताज सजा लिया है. इस ताज का सपना दुनिया भर की लाखों लडकियां देखती हैं. लेकिन इसके पीछे का संघर्ष केवल इसे पहनने वाला ही बता सकता है. ऐसा ही संघर्ष आर बॉनी गेब्रिएल के जीवन में […]
नई दिल्ली : मिस यूएसए रहीं आर बॉनी गेब्रिएल ने अब अपने सर पर मिस यूनिवर्स 2022 का ताज सजा लिया है. इस ताज का सपना दुनिया भर की लाखों लडकियां देखती हैं. लेकिन इसके पीछे का संघर्ष केवल इसे पहनने वाला ही बता सकता है. ऐसा ही संघर्ष आर बॉनी गेब्रिएल के जीवन में भी रहा. आइए आज उनके जीवन के संघर्षों की बात करते हैं.
बॉनी के मिस यूनिवर्स क्राउन की कहानी अब दुनिया भर की लड़कियों के लिए इंस्पिरेशन बनेगी जो अमेरिका में प्रवासी हैं. दरअसल उनके पिता एक प्रवासी हैं और लाखों लोगों की तरह एशियाई देश, फिलीपीन्स से अमेरिका आए थे. बता दें, बॉनी फिलिपिनो मूल की पहली अमेरिकन हैं जिनके सर पर ये ताज सजा है. इंटरव्यू में गेब्रिएल ने अपने प्रवासी पिता के संघर्ष की कहानी बताई थी. 19 साल की उम्र में उनके पिता रेमीजियो बॉनजॉन ‘आर बॉन’ गेब्रिएल अमेरिका आए थे. उस समय उनके पास सिर्फ 20 डॉलर थे.
गेब्रिएल के पिता ने यूनिवर्सिटी ऑफ हाउस्टन से साइकोलॉजी में डॉक्टरेट की डिग्री लेने के बाद अपनी कार रिपेयर शॉप शुरू की. ‘बॉन’ गेब्रिएल, टेक्सास में ही पहली बार बॉनी की मां से मिले थे, जो बेऑमोंट से थीं. गेब्रिएल ने पढ़ाई लिखाई ख़त्म कर फैशन डिज़ाइनर बनने की इच्छा जताई. उन्होंने न्यू यॉर्क में फैशन डिजाइनर निकोल मिलर के साथ इंटर्नशिप भी की.
उन्हें कपड़े रिसाइकल करने का काफी शौक था. अपने कई इंटरव्यूज में वह इस बात का ज़िक्र भी कर चुकी हैं. वह अपने कई कपड़े यूज्ड मैटेरियल से खुद डिजाईन करती हैं. मिस टेक्सास USA के लिए उन्होंने जो ड्रेस पहनी थी उसे भी उन्होंने एक सेकंड हैंड कोट से बनाया था. इस कोट को वह सेकंड हैंड चीजें बेचने वाले स्टोर से लेकर आई थीं. आज वह अपने इसी नएपन से मिस यूनिवर्स 2022 का ताज अपने सर सजा चुकी हैं.
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