Election Meeting : चुनावी सभा Election Meeting : चुनावी सभाओं Elections meeting पर अब संकट मंडराता दिखाई दे रहा है. लगातार बढ़ रहे कोरोना Corona के मामलों के बीच अगर चुनावी सभाएं Elections meeting होती रहीं तो जाहिर है कि कोरोना बहुत विकराल तांडव कर हाहाकार मचा सकता है. अतीत में हुए बंगाल चुनाव […]
Election Meeting : चुनावी सभाओं Elections meeting पर अब संकट मंडराता दिखाई दे रहा है. लगातार बढ़ रहे कोरोना Corona के मामलों के बीच अगर चुनावी सभाएं Elections meeting होती रहीं तो जाहिर है कि कोरोना बहुत विकराल तांडव कर हाहाकार मचा सकता है. अतीत में हुए बंगाल चुनाव Bengal election के दौरान बहुत सारे पत्रकार और कार्यकर्ता कोरोना पॉजिटिव हुए सभी ने वो मंजर अपनी आंखों से देखा.
इससे एक बात साफ जाहिर है, कि कोरोना Corona अपना काल रूप दिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा. ऐसे में गुरूवार को नीति आयोग के सदस्य और भारत के कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने चुनाव आयोग को जानकारी दी कि कोविड के इस हालात में मौजूदा वक्त की स्थिति देश के भीतर बड़ी रैलियों और रोड शो करने के लायक नहीं है. उन्होने साफ-तौर पर इस तरह के आयोजन नहीं किये जाने की सलाह दी है. वहीं देर रात वीके पाल के इस बयान के बाद चुनाव आयोग Election Commission ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, कि इस हालात को लेकर हम लगातार राजनीतिक पार्टियों से सम्पर्क साध रहे हैं. और उनसे बड़ी रैलियों व आयोजनों को रोंकने की अपील भी कर रहे हैं.
लेकिन ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है,कि कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बावजूद भी चुनाव आयोग चुनाव आयोग रैलियों को लेकर सख्त रूख क्यों नहीं अख्तियार कर पा रहा है. ये वे भी किसी तरह की दिक्कत का सामना कर रहे हैं. दूसरा क्या ? वीके पॉल के इस तरह के बयान के बाद रैलियों को बैन करने को लेकर इलेक्शन कमीसन Election Commission पर कोई दबाव बढ़ेगा? और राजनीतिक रैलियों को लेकर कोई फैसला आएगा ।