गुजरात विधान सभा चुनाव में राजनीतिक दलों के क्या हैं बड़े वादे?

अहमदाबाद : बीते गुरूवार को गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया. गुजरात विधानसभा की 182 सीटों पर 2 चरणों में मतदान कराया जायेगा। मतदान के लिए 1 व 5 दिसंबर की तारीख तय की गई है। इस विधान सभा चुनाव में मतदाता सूची के अनुसार कुल मतदाताओं की संख्या 4,91,17,308 है। इनमें […]

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गुजरात विधान सभा चुनाव में राजनीतिक दलों के क्या हैं बड़े वादे?

Riya Kumari

  • November 4, 2022 9:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

अहमदाबाद : बीते गुरूवार को गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया. गुजरात विधानसभा की 182 सीटों पर 2 चरणों में मतदान कराया जायेगा। मतदान के लिए 1 व 5 दिसंबर की तारीख तय की गई है। इस विधान सभा चुनाव में मतदाता सूची के अनुसार कुल मतदाताओं की संख्या 4,91,17,308 है। इनमें से इस साल 18 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके युवा मतदाताओं की संख्या 3,24,420 है। भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक मतदाताओं के मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।
गुजरात विधान सभा चुनाव में मतदाताओं को रिझाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जनता से तमाम वादे कर रहीं हैं। गुजरात की जनता की समस्याओं और उनके समाधान की दिशा में कौन सी राजनीतिक पार्टी बेहतर कार्य कर सकती है, इसे कुछ हद तक उनके चुनावी वादों से भी समझा जा सकता है।

आइये जानते हैं राजनीतिक पार्टियों के क्या हैं बड़े वादे

इस समय देश भर की नज़रें गुजरात के विधान सभा चुनाव पर टिकी हैं। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच आम आदमी पार्टी की एंट्री के बाद से चुनावी समीकरण काफी बदल गया है। गुजरात के इस चुनावी नतीजे का 2024 के लोक सभा चुनाव पर भी काफी असर रहेगा। सभी राजनैतिक पार्टियां इसी कोशिश में हैं कि जनता उन्हें वोट करे। इस प्रयास के तहत राजनीतिक पार्टियां कई लोक लुभावन वादे भी कर रही हैं।

आम आदमी पार्टी के क्या हैं वादे?

आप ने सत्ता में आने पर गुजरात के प्रत्येक परिवार को दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर 300 युनिट प्रति माह यानी की दो महीने में कुल 600 युनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया गया है।
आप ने बेरोजगारी की मार झेल रहे गुजरात के युवाओं के लिए 3,000 रूपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ते के रूप में देने की बात कही है।

गुजरात के बुजुर्गो को आप का मुफ्त तीर्थ यात्रा कराने का वादा है। केजरीवाल ने अयोध्या के राम मंदिर का ज़िक्र करते हुए वरिष्ठ नारगिकों को राम लला के दर्शन कराने की बात कही है।

(द्वीट लिंक)

कच्छ जिले में अरविंद केजरीवाल ने एक रैली के संबोधन में यह भी वादा किया कि आम आदमी पार्टी गुजरात के हर गांव में सरकारी स्कूलों का निर्माण करेगी।

गुजरात के लोगों को मुफ्त व गुणवत्तापूर्ण इलाज मुहैया कराने के लिए आप सभी 33 जिलों में एक-एक सरकारी अस्पताल बनायेगी

आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने पर गुजरात की 18 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को 1000 रूपए मासिक भत्ता देने का वादा किया है।

(ट्वीट लिंक)

कांग्रेस ने क्या किया वादा ?

वंसदा सीट से कांग्रेस के विधायक अनंत कुमार पटेल और गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता निशाद देसाई ने सूरत में एक प्रेस वार्ता के दौरान गुजरात में “जनता दवाखाना” खोलने की बात कही है। वार्ता के दौरान अनंत कुमार पटेल ने कहा कि हमने स्वस्थ बच्चे और स्वस्थ भारत के लिए घोषणा की है कि 2022 के विधान सभा चुनाव को जीतने के बाद हमारी पहली प्राथमिकता गुजरात के नागरिकों के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में होगी, जहां राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा दी जायेगी।

खबर के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले गुजरात में एक रैली को संबोधित करने के दौरान गुजरात की जनता से वादा किया कि उनकी पार्टी लोगों को वे सभी रियायतें देगी जिनकी “आम आदमी पार्टी” ने अभी तक पेशकश की है।

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वे मात्र 500 रुपये में रसोई गैस मुहैया करायेंगे।

कोरोना वायरस महामारी की ओर ध्यान देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सरकार बनने पर हमारी पार्टी कोविड19 पीड़ितों के परिजनों को 4-4 लाख रूपये का मुआवजा देगी।

किसानों की समस्या को देखते हुए उनके 3 लाख रूपये तक की कर्ज माफी की भी बात कही है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस ने 10 लाख रूपये तक के मुफ्त इलाज़ के साथ युवाओं को 10 लाख नौकरी और बेरोजगार युवाओं के लिए 3000 रूपये मासिक भत्ता देने की भी बात कही है। यह भी कहा है कि सरकारी नौकरियों में भर्ती और सरकारी नौकरियों में ठेका प्रथा को भी खत्म किया जायेगा।

आम आदमी पार्टी की तर्ज पर कांग्रेस ने भी 300 युनिट मुफ्त घरेलू बिजली भी देने का वादा किया है।

बीजेपी ने क्या किया?

भारतीय जनता पार्टी इस विधान सभा चुनाव में वादों से किनारा करते हुए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस द्वारा की गई घोषणाओं को फ्री की रेवड़ी बतायी है। शायद भाजपा को अपनी पार्टी के 27 साल की सरकार और उसके कामों पर भरोसा है। भाजपा मतदाताओं को ‘आप’ के वादों के झांसे में न आने की सलाह भी दे रही है।

अन्य राजनैतिक दलों में कौन है शामिल

इन दलों के अलावा पांच और भी मुख्य दल चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमां रहे हैं जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय ट्राइबल पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पाटी शामिल है।

2017 के विधानसभा चुनाव में इन राजनीतिक पार्टियों का कैसा रहा प्रदर्शन

गुजरात में पिछले 27 सालों से भारतीय जनता पार्टी का शासन रहा है। दिसम्बर 2017 में हुए विधान सभा चुनाव की 182 साटों पर भाजपा ने 99 साटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस 77 सीटों पर जीत हासिल कर दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई भी बनी। इस चुनाव में सबसे दिलचस्प बात यह रही कि भाजपा 2012 में हुए चुनाव के मुकाबले 15 सीटे कम, जब कि कांग्रेस 16 सीट अधिक जीत कर गुजरात में अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी। इसके अलावा भारतीय ट्राइबल पार्टी ने 2 सीट, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 1 सीट और तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने विजय पताका लहराई थी।

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