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पृथ्वीराज का ट्रेलर हुआ रिलीज, जानिए फिल्म क्या कुछ है खास

नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘पृथ्वीराज’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं. 3 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली इस फिल्म में पृथ्वीराज चौहान की सफलता की कहानी दिखाई गई है. फिल्म आने से पहले ही हम आपको बताने जा रहे हैं […]

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पृथ्वीराज का ट्रेलर हुआ रिलीज, जानिए फिल्म क्या कुछ है खास
  • May 9, 2022 4:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘पृथ्वीराज’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं. 3 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली इस फिल्म में पृथ्वीराज चौहान की सफलता की कहानी दिखाई गई है. फिल्म आने से पहले ही हम आपको बताने जा रहे हैं पृथ्वीराज चौहान की ये प्रसिध्द कहानी.

1166 में हुआ था जन्म

पृथ्वीराज चौहान का जन्म वर्ष 1166 में अजमेर के राजा सोमेश्वर चौहान के यहाँ हुआ था और उनके बारे में कई कहानियाँ प्रचलित हैं. पृथ्वी राज चौहान की माता कर्पूरी देवी दिल्ली के राजा अनंगपाल द्वितीय की इकलौती पुत्री थीं. पृथ्वीराज चौहान की वीरता की कहानियां हर कोई सुनते चला आ रहा है और इसे बड़े पर्दे पर लॉन्च किया जा रहा है, जिसमें कई दमदार डायलॉग्स हैं. हमेशा धर्म के लिए जीने वाले पृथ्वीराज चौहान के ट्रेलर में अक्षय कुमार कहते हैं- ‘मैं धर्म के लिए जिया हूं और धर्म के लिए मरूंगा.’

पृथ्वीराज और मोहम्मद गोरी के बीच संघर्ष

पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गोरी के बीच संघर्ष बहुत लंबा था. उन्होंने 1186 से 1191 के दौरान मोहम्मद गोरी को कई बार हराया, लेकिन कई जगहों पर दो महत्वपूर्ण युद्धों का उल्लेख मिलता है. पहला युद्ध वर्ष 1191 में हुआ था, जब पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को हराया था, लेकिन उसे दया दिखाते हुए छोड़ दिया था. वहीं दूसरा युद्ध वर्ष 1192 में हुआ, जब मोहम्मद गोरी की जीत हुई और पृथ्वीराज चौहान को बंदी बना लिया गया. इसके बाद उसने लोहे की गर्म छड़ से उनकी आंखें फोड़ दिया और उन्हें कैद में डाल दिया.

पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को कैसे मारा ?

पृथ्वीराज चौहान की कहानी में उनके दोस्त चंदबरदाई का अहम किरदार है, जिन्होंने ‘पृथ्वीराज रासो’ लिखा है.ऐसा कहा जाता है कि चंदबरदाई ने मोहम्मद गोरी को पृथ्वीराज के मौखिक कौशल को देखने के लिए राजी किया था. इसके बाद चंदबरदाई ने उन्हें इस बात का आभास कराया कि मोहम्मद गोरी एक दोहे के साथ कहां बैठे हैं. वह दोहा है, ‘चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रूफ ता ऊपर सुल्तान है मत चूके चौहान’ इसके बाद पृथ्वीराज चौहान ने अंधा होते हुए मोहम्मद गोरी को बाण चलाकर मार डाला. हालांकि इतिहासकारों में इस बात को लेकर मतभेद है.

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