नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली ने फिल्म ‘पद्मावत’ क्या बना दी देश हंगामें की भेट चढ़ गया. करणी सेना राजा बन बैठी है और सरकार ने चुप्पी साध ली. ये है हमारे देश का लोकतंत्र. कई महीनों से करणी सेना और कुछ छोटे मोठे संगठन ऐसे ऐसे कारमाने कर रहे हैं और फरमान सुना जिसे सुनकर आपके कान से भी धुंए निकल जाएं. संजय लीला भंसाली की भरी भीड़ में पीटाई करने से लेकर उनका सिर काटकर लाने का फरमान और दीपिका पादुकोण को जिंदा जलाने से लेकर उनका नाक काटकर लाने वाले के लिए करोड़ों का इनाम जैसे ऐलान. हद तो तब हो गई जब करणी सेना ने स्कूल बस को निशाना बनाकर तोड़फोड़ की, डरे सहमे बच्चे आंखो में आंसू लिए सवाल कर रहे हैं इन सब में हमारा क्या कसूर. लो सरकार यहां भी खामोश, लेकिन अब सरकार की इस चुप्पी पर और करणी सेना के इस अमानविय हरकत पर मीडिया के कुछ बड़े पत्रकारों ने सवाल उठाए है.
जी हां अजीत अंजुम से लेकर ओम थानवी, अंजना ओम कश्यप और राणा यशवंत जैसे बड़े पत्रकारों ने सरकार के मौन पर सवाल उठाएं और करणी सेना को गुंडा, कायर संगठन तक बताया. इन पत्रकारों का कहना है छोटे-छोटे मासूम बच्चों पर अपनी कायरता दिखाना और मेहनतकश लोगों की बाईकों को फूंक देना ये कौन सी वीर करणी सेना है. ऐसे संगठनों पर सरकार को कड़े कदम उठाने की जरूरत है.
आपको बता दें 25 जनवरी को संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत रिलीज हो गई. करणी सेना के हंगामें के आगे फिल्म की रिलीज डेट से लेकर मेकर्स ने फिल्म का टाइटल तक बदल दिया, इतना ही नहीं फिल्म के गाने घुंमर में दीपिका पादुकोण की कमर तक को ढ़क दिया गया. 300 कट भी फिल्म में लगा दिए गए लेकिन फिर भी करणी सेना को संतोष नहीं मिला. वो अब भी अपनी आन बान और शान का झूठा हंगामा मचा रही है. अब करणी सेना की ये लड़ाई पद्मावत को लेकर है या फिर देश में वो सरकार, न्यायपालिका से भी ऊपर खुद को समझ बैठी है.
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