संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत आज देशभर में रिलीज हो रही है. फिल्म को लेकर करणी सेना का विरोध भी बदस्तूर जारी है. क्रूर मुगल शासक अलाउद्दीन खिलजी रानी पद्मावती को किसी भी हाल में पाना चाहता था. मगर क्या आप जानते हैं कि रानी पद्मावती के पति राजा रतन सिंह को असल धोखा खिलजी ने नहीं बल्कि उन्हीं के एक दरबारी राघव चेतन ने दिया था.
नई दिल्लीः संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर विवाद बदस्तूर जारी है. राजपूत करणी सेना लगातार फिल्म के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन कर रही है. क्रूर मुगल शासक अलाउद्दीन खिलजी बने रणवीर सिंह और रानी पद्मावती के किरदार में नजर आने वाली दीपिका पादुकोण के बीच ड्रीम सीक्वेंस फिल्माने के आरोप के चलते संजय भंसाली की इस फिल्म का विरोध हो रहा है. हालांकि भंसाली फिल्म में खिलजी और रानी पद्मावती के बीच ऐसे किसी भी ड्रीम सीक्वेंस सीन होने से इनकार कर चुके हैं. खैर इतिहास की बात करें तो क्या आप जानते हैं कि रानी पद्मावती के पति राजा रतन सिंह को असल धोखा खिलजी ने नहीं बल्कि उन्हीं के एक दरबारी राघव चेतन ने दिया था.
राघव चेतन राजा रतन सिंह के दरबार में एक संगीतज्ञ था. एक दिन राजा रतन सिंह को पता चला कि राघव चेतन काला जादू करता है. गुस्से में रतन सिंह ने राघव चेतन को गधे पर बैठाकर पूरे राज्य में घुमाने की सजा दी. इस अपमान से राघव प्रतिशोध की ज्वाला में जलने लगा और उसने राजा से बदला लेने की ठानी. राघव ने मुगल शासक अलाउद्दीन खिलजी के सामने पहुंच राजा रतन सिंह की पत्नी पद्मावती के सौंदर्य की इस कदर तारीफ की कि खिलजी पद्मावती को पाने के लिए बेताब हो उठा और यहीं से शुरू हुआ खिलजी और रतन सिंह के बीच युद्ध. इस युद्ध में राजा रतन सिंह वीरगति को प्राप्त हुए और रानी पद्मावती ने जौहर कर लिया.
गौरतलब है कि संजय लीला भंसाली की फिल्म का नाम पहले पद्मावती रखा गया था. भारी विरोध के बाद फिल्म का नाम पद्मावत कर दिया गया. फिल्म के गाने घूमर में भी बदलाव किया गया. इसके बावजूद करणी सेना फिल्म पर बैन लगाने की मांग पर अड़ी है. मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद में कथित तौर पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने एक स्थानीय मॉल में जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान उन्होंने 50 से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया. उपद्रवियों को काबू करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी. वहीं बुधवार को हरियाणा के गुड़गांव में करणी सेना ने एक स्कूली बस पर हमला बोल दिया. स्कूल बस पर पथराव के दौरान बस के अंदर मासूम बच्चे और शिक्षिकाएं मौजूद थीं. पत्थरबाजी से छोटे-छोटे बच्चे इतना खबरा गए कि वो सीट के नीचे लेट गए और रोने लगे. बच्चों को रोता देख स्कूल बस में मौजूद शिक्षिकाएं उन्हें संभालती नजर आईं. बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है. सभी नेताओं ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.