नई दिल्लीः नन्दमूरि तारक रामाराव, प्यार से ‘एनटीआर’ पुकारे जाने वाले अभिनेता और जननेता ने आज ही के दिन 18 जनवरी, 1996 में इस दुनिया को अलविदा कहा था. एन.टी. रामाराव आज सफल अभिनेता, फिल्म निर्माता, जननेता के साथ ही मुख्यमंत्री के रूप में भी याद किए जाते हैं. वह आंध्र प्रदेश के 10वें मुख्यमंत्री थे. तेलुगू फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता एन.टी. रामाराव का जन्म एक किसान परिवार में 28 मई, 1923 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के एक छोटे से गांव निमकमुकुर में हुआ था. एन.टी. रामाराव ने अपने गांव में सिर्फ पांचवीं तक की पढ़ाई की थी. इसके बाद इनके मामा जो आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में रहते थे, उन्होंने इन्हें गोद ले लिया था.
एन.टी. रामाराव के परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ खास नहीं थी. परिवार की मदद के लिए उन्होंने बेहद कम उम्र में विजयवाड़ा के आस-पास के होटलों में दूध सप्लाई करना शुरू कर दिया था. एन.टी. रामाराव को फिल्मों का काफी शौक था. साल 1949 में ‘मना देसम’ नाम की तेलुगु फिल्म से उनका फिल्मी करियर शुरू हुआ. इस फिल्म में उनके काम को काफी सराहा गया. फिर कभी एनटीआर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. एनटीआर ने काफी धार्मिक फिल्मों में भी काम किया था. जिसकी वजह से उनकी छवि एक अलग आध्यात्मिक हीरो के तौर पर बन गई थी. फिल्म ‘सीताराम कल्याणम्’ के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड और फिल्म ‘राजू पेडा’ और ‘लव कुश’ में उनके अभिनय के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला था.
पद्म श्री से सम्मानित एन.टी. रामाराव ने साल 1982 में ‘तेलुगु देशम पार्टी’ की स्थापना कर राजनीति में प्रवेश किया था. ठीक एक साल बाद यानी 1983 में वह पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. 1983 से 1995 के बीच एनटीआर आंध्र प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री चुने गए. उन्होंने अपने कार्यकाल में महिलाओं और समाज के अन्य पिछड़े वर्गों को मुख्य धारा में लाने के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए.
एनटीआर का निजी जीवन भी काफी रोचक रहा है. NTR ने दो शादियां की थीं. साल 1942 में NTR ने अपने मामा की बेटी से पहली शादी की थी. 1985 में उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद NTR ने 1993 में तेलुगु लेखक लक्ष्मी पार्वती को जीवन संगिनी बनाया. यहीं से उनके परिवार में राजनीतिक गतिरोध शुरु हो गया था.
दरअसल NTR के दामाद नारा चंद्रबाबू नायडू (वर्तमान में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री) ने 1995 में उन्हें मुख्यमंत्री और ‘तेलुगु देशम पार्टी’ पार्टी के अध्यक्ष पद से अचानक हटा दिया. आंतरिक तख्तापलट करने के पीछे चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि NTR अपनी दूसरी पत्नी लक्ष्मी पार्वती को पार्टी की कमान सौंपने वाले थे. उन्होंने महसूस किया कि ऐसा होने से पार्टी विघटित हो सकती है.
तख्तापलट के बाद एक भावुक इंटरव्यू में एनटीआर ने अपने दामाद चंद्रबाबू नायडू को सत्ता का भूखा कहते हुए उनकी तुलना मुगल शासक औरंगजेब से कर डाली, जिसने मुगल शासक बनने के लिए अपने पिता को जेल में डलवा दिया था और अपने भाइयों को मार डाला था.
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