MS Dhoni Marriage Anniversary: धोनी और साक्षी की क्या है प्रेम कहानी? दिलचस है लव स्टोरी

मुंबई: अपने शांत और चतुर दिमाग से महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया को कई मैच जिताए हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने आईसीसी के तीनों खिताब में जीत हासिल की हैं। माही की गिनती दुनिया के बेस्ट फिनिशर्स में होती है। वह चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए लोकप्रिय हैं। आज के ही दिन […]

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MS Dhoni Marriage Anniversary: धोनी और साक्षी की क्या है प्रेम कहानी? दिलचस है लव स्टोरी

Ayushi Dhyani

  • July 4, 2022 5:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई: अपने शांत और चतुर दिमाग से महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया को कई मैच जिताए हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने आईसीसी के तीनों खिताब में जीत हासिल की हैं। माही की गिनती दुनिया के बेस्ट फिनिशर्स में होती है। वह चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए लोकप्रिय हैं। आज के ही दिन यानी 4 जुलाई 2010 को महेंद्र सिंह धोनी ने साक्षी सिंह से शादी की थी। आज इनकी शादी के 12 साल हो गए हैं। उनकी प्यार की कहानी किसी फिल्म की कहानी से काम नहीं हैं।

फैंस को कर देते हैं सरप्राइज

महेंद्र सिंह धोनी हमेशा से ही अपने चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। चाहें वो वर्ल्ड कप के फाइनल में ऊपर बैटिंग करने आना हो या फिर 15 अगस्त 2020 को क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने का फैसला हो। वो हर बार अपने फैंस को सरप्राइज कर देते हैं। कुछ ऐसा ही उनकी लव स्टोरी के साथ भी है।

साक्षी ने चमकाई धोनी की किस्मत

साक्षी सिंह के साथ शादी करने के बाद महेंद्र सिंह धोनी को करियर में कई सफलताएं प्राप्त हुई। धोनी की कप्तानी से ही भारत 2011 वर्ल्ड कप जीत पाया। इसके बाद 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी हासिल की। धोनी और साक्षी के परिवार एक-दूसरे को पहले सी ही जानते थें। जब धोनी टीम इंडिया की तरफ से खेल रहे थे। तब वह उस होटल में रूके थे, जहां साक्षी इंटर्नशिप कर रही थी। धोनी की एक बेटी है, जिसका नाम जीवा है।

सफल कप्तान धोनी

महेंद्र सिंह धोनी ने अपने दिमाग और कड़ी मेहनत से टीम इंडिया को कई मैच जिताए हैं। वह भारत के सबसे सफल कप्तान रहे हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने 110 वनडे, 27 टेस्ट और 41 टी20 जैसे मैच में जीत हासिल की। धोनी को डेथ ओवर्स में तेजी से रन बनाने के लिए भी जाना जाता है। अगर आखिरी ओवर में भारत को जीतने के लिए 15 रन चाहिए और क्रीज पर धोनी हैं, तो दबाव धोनी पर नहीं, बल्कि गेंदबाज पर होता था। धोनी का मैदान में निडरता से खेलना टीम को काफी प्रेरित करता है।

 

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