नई दिल्ली, बॉलीवुड को हमेशा मसाला फिल्मों के लिए जाना जाता है. हालांकि यह बात भी सही है कि फ़िल्मी दुनिया को अभी भी अपने की जॉनर्स को सही करने की आवश्यकता है. मतलब सुधार की तो पूरी गुंजाईश है. इन जॉनर्स में से एक है हॉरर जॉनर. बावजूद इसके हिंदी सिनेमा में कई ऐसी […]
नई दिल्ली, बॉलीवुड को हमेशा मसाला फिल्मों के लिए जाना जाता है. हालांकि यह बात भी सही है कि फ़िल्मी दुनिया को अभी भी अपने की जॉनर्स को सही करने की आवश्यकता है. मतलब सुधार की तो पूरी गुंजाईश है. इन जॉनर्स में से एक है हॉरर जॉनर. बावजूद इसके हिंदी सिनेमा में कई ऐसी डरावनी फिल्में बनी हैं जिसे देख कर आप भी डर से अपना बिस्तर नहीं छोड़ेंगे. तो आइये आपको हिंदी सिनेमा की ऐसी 10 मोस्ट हॉरर फिल्मों से मिलवाते हैं.
साल 1976 की इस फिल्म ने उस समय सभी दर्शकों का दिल जीत लिया था. उस समय की यह फिल्म सबसे आगे आने वाली फिल्मों में से एक थी. फिल्म में मुख्य पात्र के रूप में रीना रॉय थीं. बता दें, इस विषय पर और भी कई फिल्में बन चुकी हैं लेकिन इस फिल्म ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया.
डरावनी और रोमांचित करने वाली यह फिल्म साल 1991 में आई थी. फिल्म में अंत तक सस्पेंस रहता है जो दर्शकों को हैरान कर देता है. फिल्म का प्लॉट तो और भी शानदार है जो आपको अंत तक स्तब्ध कर देगा. फिल्म में मुख्य किरदार में माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ हैं.
साल 1992 में आई यह फिल्म बेहद डरावनी थी. यह फिल्म यकीनन राम गोपाल वर्मा की अच्छी फिल्मों में से एक है. अभिनेत्री रेवती ने इसमें अच्छा किरदार निभाया है. जहां फिल्म का प्लॉट बना रहा.
साल 2002 में आई इस फिल्म को आज तक याद किया जाता है. इस फिल्म की कहानी से लेकर जंप स्कैयर्स तक सब कमाल था. इस फिल्म में बिपाशा बशु और डीनो मोरिया को साथ देखा जा सकता है.
राम गोपाल वर्मा की एक और बेहतरीन फिल्म जो साल 2003 में आई थी. फिल्म में छोटी छोटी कहानियों को जगह मिली है. जहां बच्चों के माध्यम से इसे दर्शकों तक पहुंचाया जाता है. हालाँकि फिल्म को अच्छी सफलता नहीं मिल पाई थी पर इसे इसके डरावने स्टोरी टेलिंग की वजह से नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है.
साल 2003 और राम गोपाल वर्मा की एक और बेहतरीन हॉरर फिल्म. जहां असाधारण गतिविधियों के माध्यम से अजय देवगन और उर्मिला मंदोकार ने कहानी को पर्दे पर दिखाया है.
साल 2004 में यह फिल्म आई थी. जहां यह फिल्म भी राम गोपाल वर्मा ने ही निर्दशित की थी. फिल्म में सुष्मिता सेन और जेडी चक्रवर्ती की अहम भूमिका था. कहानी किरदारों के घर के आगे बेस एक पेड़ पर आधारित है जिसे काफी भयानक तरीके से प्रदर्शित किया गया है.
साल 2008 में आई इस फिल्म को लेकर माहौल काफी हाइप भी हुआ था. जहां अब तक इस फिल्म का सीक्वल भी आ चुका है पर जो डर इस फिल्म ने बनाया था वो आगे के भाग में नहीं दिखाई दिया. फिल्म में धार्मिक पूजा पाठ और भूतों के बीच के संसार के बारे में भी बताया गया है.
साल 2010 में आई क्लिक किसी आम फिल्म की तरह नहीं डराती. इसका सस्पेंस आपको हॉरर फिल्म के लिए और भी पागल कर देगा. बता दें, साल 2004 में आई फिल्म शटर की नक़ल होने के बाद भी इस फिल्म ने खूब प्रशंसा बटोरी.
साल 2011 में विक्रम भट्ट और अरुण रंगाचारी द्वारा लेकर आई गई यह फिल्म काफी डरावनी है. इस फिल्म का प्लॉट भी बाकी हिंदी हॉरर फिल्मों से अलग था. जहां भारत में बहुत कम ही थ्रीडी इफ़ेक्ट का इस्तेमाल किसी हॉरर फिल्म में किया जाता है यह सही मायनों में अपने समय से आगे थी.
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