नई दिल्ली: बॉलीवुड मिथुन चक्रवर्ती ने अपने करियर के शुरुआती दिनों और नेशनल अवॉर्ड मिलने के बाद के अनुभव को शेयर किया है। उन्होंने बताया कि जब उन्हें पहला नेशनल अवॉर्ड मिला, तो उनमें बहुत घमंड आ गया था. इस दौरान एक प्रोड्यूसर ने उन्हें एक ऐस सबक सिखाया, जो उन्हें आज तक याद है. […]
नई दिल्ली: बॉलीवुड मिथुन चक्रवर्ती ने अपने करियर के शुरुआती दिनों और नेशनल अवॉर्ड मिलने के बाद के अनुभव को शेयर किया है। उन्होंने बताया कि जब उन्हें पहला नेशनल अवॉर्ड मिला, तो उनमें बहुत घमंड आ गया था. इस दौरान एक प्रोड्यूसर ने उन्हें एक ऐस सबक सिखाया, जो उन्हें आज तक याद है.
मिथुन ने अपने संघर्षों के दिनों को याद करते हुए कहा, यह सफर बहुत कठिन था। कई लोगों ने मुझसे कहा कि मैं अपनी बायोग्राफी लिखूं, लेकिन मैंने इनकार कर दिया। मुझे ऐसा लागता था कि मेरा अनुभव लोगों को प्रेरित नहीं करेगा, बल्कि उनकी हिम्मत तोड़ देगा। मैं कोलकाता की एक गली से आया और मुंबई में कदम रखना मेरे लिए बहुत मुश्किल था।उन्होंने आगे कहा कि कई बार उन्हें खाना नहीं मिलता था और कभी-कभी उन्हें फुटपाथ पर सोना पड़ता था। मिथुन ने कहा, भारत का सबसे बड़ा अवॉर्ड पाने के बाद भी मैं अभी तक इस पर विश्वास नहीं कर पा रहा हूं। यह मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है, लेकिन मैं खुशी से न तो हंस सकता हूं और न ही रो सकता हूं।
इस दौरान मिथुन चक्रवर्ती ने बताया कि नेशनल अवॉर्ड मिलने के बाद मिथुन के व्यवहार में बदलाव आ गया था। उन्होंने कहा कि वह ऐसा अभिनय करने लगे, जैसे वह सबसे महान अभिनेता हैं। जब मुझे मृगया के बाद पहला नेशनल अवॉर्ड मिला, तो मैं ऍल पचिनो की तरह एक्टिंग करने लगा। मेरा एटिट्यूड बदल गया और प्रोड्यूसर ने मुझे देखकर कहा, ‘गेट आउट’। इस घटना ने मुझे अपनी गलती का एहसास कराया। वहीं इसके बाद मिथुन चक्रवर्ती के ऐसे अनुभव ने उन्हें सिखाया कि सफलता के बाद भी विनम्रता बनाए रखना कितना ज़रूरी है।
यह भी पढ़ें: अमिताभ बच्चन ने इस अभिनेत्री को जान से मारने की कोशिश की थी ?