‘बेटा पापा की…’ शारदा सिन्हा के आखिरी शब्द सुनकर फूट-फूटकर रो पड़ेंगी शादीशुदा महिलाएं

नई दिल्ली: बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है. पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी. छठ पर्व के गीतों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली शारदा सिन्हा को छठ के दिन ही पूरा देश विदाई […]

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‘बेटा पापा की…’ शारदा सिन्हा के आखिरी शब्द सुनकर फूट-फूटकर रो पड़ेंगी शादीशुदा महिलाएं

Aprajita Anand

  • November 6, 2024 9:01 am Asia/KolkataIST, Updated 4 weeks ago

नई दिल्ली: बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है. पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी. छठ पर्व के गीतों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली शारदा सिन्हा को छठ के दिन ही पूरा देश विदाई दे रहा है. अब हमारे बीच सिर्फ शारदा सिन्हा के गाए हुए गाने ही रहेंगे. छठ पर्व के पहले दिन नहाय खाय के दिन ही बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का निधन वाकई दिल दहला देने वाला है. लेकिन, उससे भी ज्यादा याद रहेंगे उनके आखिरी शब्द, जिन्हें सुनकर हर विवाहित महिला की आंखों में आंसू आ जाएंगे.

शारदा सिन्हा की आखिरी इक्छा

शारदा सिन्हा जीवन भर छठी मैया के गीत गाती रहीं, लेकिन नहाय-खाय के दिन छठी मैया ने उनकी प्यारी बेटी को अपनी गोद में ले लिया. लेकिन, जाते-जाते भी शारदा सिन्हा ने छठी मैया को याद किया और अपने बेटे से आखिरी शब्द कहे. किसी भी महिला की आखिरी इच्छा यही होती है कि वह जीवन भर अपने पति का साथ न छोड़े. शारदा सिन्हा ने अपनी आखिरी इच्छा अपने बेटे अंशुमान सिन्हा से भी साझा की. उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से कहा, ‘उनकी मां की आखिरी इच्छा थी कि जहां उनके पिता का अंतिम संस्कार किया जाए, वहीं मेरे बेटे का भी अंतिम संस्कार किया जाए. मेरी इच्छा थी कि मैं इस दुनिया से एक शादीशुदा महिला बनकर जाऊं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।’ मेरा दाह संस्कार उसी स्थान पर करें जहां मेरे पति का दाह संस्कार किया गया था.

पांच-छह साल से कैंसर

बता दें कि दो महीने पहले ही शारदा सिन्हा के पति का भी लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. शारदा सिन्हा खुद पिछले पांच-छह साल से कैंसर से लड़ रही थी. लेकिन, उन्होंने अपने पति को तब भी नहीं छोड़ा जब वह कैंसर से पीड़ित थे. दो महीने पहले जब उसके पति की मौत हो गई तो वह अंदर से टूट गई. बेटे अंशुमन के मुताबिक, पिता की मौत के बाद उनकी मां काफी उदास हो गई थी। शायद उसके अंदर से जीने की चाहत खत्म हो गई थी.

पति का साथ कभी नहीं छोड़ा

शारदा सिन्हा के पति का नाम बृजकिशोर सिन्हा था। दो महीने पहले उनका अंतिम संस्कार भी पटना के गंगाघाट पर किया गया था. अपनी मां की इच्छा पूरी करने के लिए अब अंशुमान अपनी मां का पार्थिव शरीर लेकर पटना जाएंगे। शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार कल दोपहर पटना के गंगा घाट पर किया जाएगा. जब एक तरह से छठव्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य दे रहे होंगे, तब पटना के गंगाघाट पर शारदा सिन्हा की चिता जल रही होगी.

बिहार के बेगुसराय की रहने वाली

शारदा सिन्हा बिहार के बेगुसराय की रहने वाली थी. बेगूसराय शारदा सिन्हा का ससुराल था. उनके पति बृजकिशोर सिन्हा भी शिक्षा विभाग में कार्यरत थे. हालाँकि, शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल में हुआ था। शारदा सिन्हा न केवल एक लोक गायिका थीं बल्कि समस्तीपुर कॉलेज में प्रोफेसर भी थी. रिटायरमेंट के बाद दोनों पति-पत्नी अपने बेटे के साथ सालों से दिल्ली से सटे इंदिरापुरम में रह रहे थे. शारदा सिन्हा के दो बच्चे हैं, एक बेटा और एक बेटी है।

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