बॉलीवुड डेस्क, मुंबई: उर्दू लेखक सआदत हसन मंटो पर आधारित फिल्म मंटो को लेकर नवाजुद्दीन सिद्दकी चर्चा में बने हुए हैं. नवाजुद्दीन सिद्दकी ने फिल्म मंटो के प्रमोशन तो इंटरव्यू में बिजी चल रहे हैं. हाल में ही मीडिया से बातचीत में कहा कि अपनी अभिव्यक्ति और रचना को जाहिर करने के लिए डिजिटल माध्यम को सबसे बेहतर तरीका बताया. मीडिया से बातचीत में अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दकी ने कहा कि 2015 में आमिर खान ने जब धार्मिक असहिष्णुता की बात करें तो कुछ समूह के लोगों ने उन्हें राजद्रोही ठहराया था.
रचना व साहित्य से जुड़े लोगो ने सबसे बड़े साहित्यिक अवॉर्ड को वापस कर दादरी लीचिंग और एमएम कुलबर्गी का विरोध किया था. यह दिखाता है कि मनोरंजन जगत और रायटर लोगों ने उल्ट चीजों को लेकर हमेशा अपनी बात रखी है. इसका सबसे बेहतर उदाहण रहा है शाहिद कपूर की फिल्म उड़ता पंजाब, इंदु सरकार, पद्मावत जैसी शानदार फिल्में. ऐसी फिल्मों पर राजनीतिक जगत के लोगों ने ही खूब विरोध जताया.
नवाजुद्दीन सिद्दकी ने मीडिया से बातचीत में कहा- मैं अपने ख्यालात और विचार सोशल मीडिया पर नहीं लिखता हूं. एक बार मैंने अपने विचारों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यक्त करने की कोशिश की थी लेकिन बहुत गालियां पड़ी. उसके बाद मैंने ये सब लिखना छोड़ दिया. इसके अलावा मुझे अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए मेरे पात्र अभी बाकी हैं. जिसके जरिए मैं अपने विचारों को आसानी से व्यक्त कर सकता हूं. बता दें हाल में नेटफ्लिक्स की चर्चित सेक्रेड गेम्स में नवाजुद्दीन सिद्दकी को कई विवादों का सामना करना पड़ा था. अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित इस वेब सीरीज में नवाजुद्दीन सिद्दकी ने गणेश गायतुंडे का रोल निभाया था जो कि मुंबई दंगों पर आधारित थी.
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