नई दिल्ली : सबके दिलों में अपने गीतों के जरिये जगह बनाने वाली स्वर्गीय स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Late Lata Mangeshkar) के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। आखिरी तस्वीर में महान गायिका तिरंगे में लिपटी हुई दिखीं. उनकी ये तस्वीर देखकर हर कोई भावुक हो गया।
स्वर्गीय लता मंगेशकर (Late Lata Mangeshkar) इंसानों की दुनिया की वो हस्ती थी. जिसे लोगों ने दिलों में मां सरस्वती का स्थान मिला है. 92 साल की उम्र में दिवंगत लता मंगेशकर ने रविवार की सुबह दुनिया को अलविदा कह दिया. रविवार की सुबह सबको दुःखद खबर सुनने को मिली थी। तिरंगे में लिपटकर स्वर्गीय लता मंगेशकर अपनी अंतिम विदाई के लिए निकल चुकी थी. रविवार शाम मुंबई के शिवाजी पार्क में उनका अंतिम संस्कार किया गया था. अंतिम संस्कार से पहले दिवंगत लता दीदी की पहले तस्वीर सामने आई. जिसे देखकर हर किसी की आँखें नम हो गई थी।
सबके दिलों में अपने गीतों के जरिये जगह बनाने वाली स्वर्गीय स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Late Lata Mangeshkar) के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। अपनी आखिरी तस्वीर में महान गायिका तिरंगे में लिपटी हुई दिख रही थी. उनके सिर के पास छोटी बहन आशा भोसले बैठी दिख रही थी. वहां मौजूद सभी लोग उन्हें आखिरी श्रद्धांजलि दे रहे थे। उनकी आखिरी तस्वीर देख कर लोगों की आँखें नम हो गई. कुछ लोगों तो विश्वास नहीं हो रहा की। अब हमारे बीच लता दीदी नहीं रही। लोगों के दिलों से बस यही आवाज आ रही है कि काश ये सब एक झूठा हो और लता मंगेशकर उठ कर फिर से अपनी मीठी स्वर में गाना गा दें.
हम कुछ भी कह लें, लेकिन सच अब यही है कि लता मंगेशकर (Late Lata Mangeshkar) कभी नहीं नींद से जागेंगी. अब वो धरती पर नहीं, बल्कि स्वर्ग की सुन्दर सी दुनिया को अपनी मधुर आवाज से रोशन करेंगी। स्वर्गीय लता मंगेशकर (Late Lata Mangeshkar) को राजकीय सम्मान के साथ शिवाजी पार्क में अंतिम विदाई दी गई थी. लता दीदी को अंतिम विदाई देने के लिए बॉलीवुड के कई बड़े दिग्गज नेता-अभिनेता पहुंचे थे। लता दीदी हर दिल की अजीज थीं और उनकी अंतिम विदाई पर उमड़ी भीड़ ने ये साबित किया था. लता मंगेशकर की अंतिम विदाई की वीडियो बहुत कुछ बयां कर रही थी.
दिवंगत लता मंगेशकर (Late Lata Mangeshkar) के बाद अब हर कोई बस यही कह रहा है कि दुनिया में कोई दूसरी लता बन सकती है. ये कामयाबी और शोहरत पाने के लिये उन्होंने बचपन से ही बहुत ज्यादा मेहनत की थी. हर जगह गई, लेकिन मेहनत करने में कहीं कोई कमी नहीं रखी थी. उन्होंने अपने रस्ते खुद से चुनीं थे और उस पर चल कर मंजिल तक भी पहुंचीं थी . उन्होंने अपना परिवार चलाने के लिये .अपनी कई इच्छाओं को मार दिया था, और साथ जीवन भर इस बात का दुःख भी नहीं जताई थी।
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