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लगान: आमिर खान की ‘गौरी’ के लिए कौन था आशुतोष गोवारिकर की पहली पसंद

मुंबई: मिर्सेज चटर्जी वर्सेस नार्वे से रानी मुख़र्जी ने पूरे दो साल बाद वापसी की। उनके काम को काफी पसंद भी किया गया। अभिनेत्री का नाम उन कलाकारों में शुमार है, जो अपने रोल के अंदर पूरी तरह से घुसने की आर्ट में एक्सपर्ट है। लेकिन आप जानकर चौंक जाएंगे कि बॉलीवुड की इस दिग्गज […]

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लगान: आमिर खान की ‘गौरी’ के लिए कौन था आशुतोष गोवारिकर की पहली पसंद
  • March 20, 2023 9:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई: मिर्सेज चटर्जी वर्सेस नार्वे से रानी मुख़र्जी ने पूरे दो साल बाद वापसी की। उनके काम को काफी पसंद भी किया गया। अभिनेत्री का नाम उन कलाकारों में शुमार है, जो अपने रोल के अंदर पूरी तरह से घुसने की आर्ट में एक्सपर्ट है। लेकिन आप जानकर चौंक जाएंगे कि बॉलीवुड की इस दिग्गज एक्ट्रेस ने अपने फिल्मी करियर में ऑस्कर में पहुंचने वाली फिल्म को करने से मना कर दिया था। दर्शक इस फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं।

इसलिए किया मना

आशुतोष गोवारिकर ने जब ‘लगान’ बनाने का फैसला किया था तो ‘गौरी’ के रोल में वो रानी मुखर्जी को कास्ट करना चाहते थे। हालांकि रानी मुखर्जी को फिल्म की स्क्रिप्ट पसंद नहीं आई थी। इसी वजह से एक्ट्रेस ने ‘लगान’ में काम करने से मना कर दिया था। रानी मुखर्जी के इनकार करने के बाद आशुतोष गोवारिकर ने ये रोल ग्रेसी सिंह को ऑफर किया। उन्होंने ‘गौरी’ का रोल निभाकर अपनी एक्टिंग से यादगार बना दिया। आपको बता दें, दर्शक इस फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं।

ठुकरा दिया था रोल

शाहरुख ने अपने करियर में जो भी रोल किया उससे दर्शकों का दिल जीता। लेकिन जब उन्हें आशुतोष गोवारिकर ने साल 2001 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘लगान में ‘भुवन (Bhuvan)’ का रोल ऑफर किया तो उन्होंने वो रोल करने से मना कर दिया। अभिनेता ने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि वो इस रोल को सही से निभा नहीं पाएंगे। हालांकि निर्देशक ने उन्हें मनाने की काफी कोशिश की लेकिन शाहरुख अपनी बात पर बने रहे।

फिल्म की कहानी

मिस्टर और मिसेज चैटर्जी के दो बच्चे होते हैं। दोनों बच्चों को एक दिन नॉर्वे सरकार के अधिकारी अपने साथ ले जाते हैं। उनका कहना होता है कि माता-पिता अपने बच्चों की देखभाल सही से नहीं कर रहे हैं। उनका दावा है कि बच्चों को मां के हाथों से खाना खिलाया जाता है और उनके माथे पर काला टीका लगाया जाता है।

फिल्म की कहानी रानी के चरित्र के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने बच्चों को वापस पाने के लिए नॉर्वे की पूरी सरकार से लड़ जाती है। फिल्म में ये भी बताया गया है कि ये फोस्टर सिस्टम में काम कर रहे अधिकारियों की रणनीति है, क्योंकि वो जितने ज्यादा बच्चों को फोस्टर सिस्टम में डालते हैं, उतना ज्यादा पैसा कमाते है। ये फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है।

इससे पहले रानी फिल्म ‘बंटी और बबली पार्ट 2’ में दिखी थी। इसके अलावा वह अपने फेमस रोल ‘मर्दानी’ के लिए भी खूब वाहवाही बटोर चुकी हैं। फैंस भी रानी मुखर्जी की बड़े पर्दे पर वापसी का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे।

 

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