शर्लिन को जब ये पता चलता है कि लोढ़ी के पवित्र अग्नि में उसे ऋषभ के साथ फेरे लेने है, और पृथ्वी को प्रीता के साथ तो वो बौखला जाती है. वो पृथ्वी से कहती है की वो सिर्फ उससे प्यार करती है. पृथ्वी शर्लिन को गले लगाता है लेकिन उसी समय जानकी सब कुछ देख लेती है.
नई दिल्ली : लोढ़ी के जश्न की शुरूआत होती है प्रीता और करन की हल्कि फुल्कि मस्ती मज़ाक से. इस बात से अंजान की उसी जश्न में एक ऐसा राज अरोड़ा फैमली के एक सदस्य के सामने आने वाला है जो अब तक किसी को पता भी नही चला था. एक तरफ जहां सब लोढ़ी के कार्यक्रम शुरू होने की तैयारी कर रहे हैं वहीं करन की दादी चाहती है की लोढ़ी के पवित्र अग्नि में ऋषभ और शर्लिन के साथ पृथ्वी और प्रीता भी फेरे लगाए ये सुनकर शर्लिन पानी पीने के बहाने अंदर जाती है और इशारे से पृथ्वी को भी आने के लिये कहती है.
शर्लिन पृथ्वी को कहती है की चाहे जो भी हो जाए वो प्रीता के साथ फेरे नही लगाएगा. और वो भी कभी भी ऋषभ के साथ फेरे नही लेगी.क्योंकि वो पृथ्वी से प्यार करती है. ये सुनकर पृथ्वी गुस्सा हो जाता है और शर्लिन का गला दबाने लगता है. लेकिन जब हालात खराब हो जाते है तो पृथ्वी डर जाता है और शर्लिन को गले लगा लेता है जिसे जानकी देख लेती है ये सब देख जानकी वहीं खड़ी हो जाती है. जिसे शर्लिन देख लेती है.
पार्टी में सृष्टी पूजा की थाली लेने जाती है तो सौरभ उसके पास आता है और उससे मज़ाक में कहता है की वो उससे शादी नही करना चाहता तो सृष्टी भी उससे कभी भी शादी ना करने की बात कहती है लेकिन दोनो ही एक दूसरे की तरफ आकर्षित होते दिखाई देते है.
जानकी को देखते ही शर्लिन बहाना कर देती है कि पृथ्वी उसकी आंखों से कचरा निकाल रहा था. लेकिन जानकी अचानक से अपने सर में दर्द महसूस करती है. धूधला सा उसे याद आता है कि उसने शायद शर्लिन को पृथ्वी के गले लगते देखा था. पर जानकी को कुछ याद नही आ रहा.
पृथ्वी वहीं शर्लिन को भरोसा दिलाता है की वो प्रीता के साथ लोढ़ी के पवित्र अग्नि के फेरे नही लेगा.कल देखना है की आखिर पृथ्वी एसा क्या करेगा जिससे वो शर्लिन को देये अपने वादे को पूरा करेगा.