संग्राम और सिमोनिका की बनी है बदमाश कंपनी जो अभि के घर में रह कर ही अभि और दिशा को परेशान करने के लिये साथ खेल रचेंगे. अभि ने प्रज्ञा को बताया की क्या है उसमें खास लेकिन इन सब से ना जाने क्यों आलिया है नराज.
नई दिल्ली : मंदिर में अभि को प्रज्ञा से साथ रोमांस का मौका क्या मिला अभि ने भांग ही चढ़ा ली और भांग में उसका साथ दिया पूरब ने दोनो भांग खाकर जिद करने लगे की उन्हे दोबारा शादी करनी है..लेकिन आर घबराइये नही क्योंकि इन दोनो को शादी तो करनी है लेकिन अपनी बीवियों से ही. और उनकी इस जिद को मानकर दादी ने भी इजाजत दे दी कि वे दोनो अपनी अपनी वाली के मांग में सिंदूर भर दे. और जैसे ही दोनो ने अपनी बीवीयों की मांग क्या भरी आलिया और तन्नु वहां से जल भुनकर नौ दो ग्यारह हो गई.
संग्राम को सिमोनिका मना ही लेती है कि वो उसके साथ मिलकर अभि की फैमली को बर्बाद करने में उसके साथ है. वैसे भी दोस्त का दुश्मन दोस्त ही होता है ये सोचकर संग्राम सिमोनिका का साथ देने के लिये तैयार हो जाता है. सिमोनिका संग्राम का पूरा गेटअप बदल देती है और उसे कोई पहचान नही पाता है.
प्रज्ञा और अभि मंदिर से वापस लौटते हैं रास्ते में प्रज्ञा ड्राइवर को कहती है कि सॉफ्ट म्युजिक बजाए दोनो को वो दिन याद आ जाते है जब वे म्युजिक के लिये लड़ा करते थे. पहली बार अभि के सामने प्रज्ञा बिलकुल वही बातें बोलती है जो वो मुन्नी होने के नाटक करने से पहले बोला करती थी.