Kumkum Bhagya 17 May 2018 Full Episode Written Updates: प्रज्ञा और अभि उसी पुलिस स्टेशन में होते हैं जहां किंग और अभि को एक साथ लाया जाता है लेकिन वो दोनो मिल नही पाते हैं. हिरो यानि अभि को प्रज्ञा का रूमाल मिलता है जो सात साल बाद भी वो पहचान चाता है लेकिन क्या एक छोटा सा रूमाल मिला देगा उन दोनो को...
नई दिल्ली: 9.00 प्रज्ञा उसी पुलिस स्टेशन में जाती है जहां अभि और किंग एक साथ होते हैं. रास्ते में प्रज्ञा का रूमाली गिर जाता है जिसे अभि उठा लेता है उस रूमाल में प्रज्ञा की महक होती है वो वहां के कांस्टेबल से पूछता है कि रूमाल किसका है तो वो उसे बताती है कि रूमाल किंग के बीवी का है जिसके बाद अभि परेशान हो जाता है.
9.5 अभि मानता नही है और उसे बातें याद आती हैं जहां वो प्रज्ञा से कहता है कि वो उसकी महक जिंदगी भर याद रखेगा. लेकिन उसे वो नही दिखती है. प्रज्ञा वहीं पुलिस ऑफिसर से किंग को छोड़ने के लिये कहती है. वो बार बार किंग को भी बिलकुल उसी तरह से सलाह देती है जैसे वो कभी अभि को दिया करती थी.
9.10 अभि को ना जाने क्यों उस रूमाल मिलने के बाद क्या होता है कि वो बार बार वो प्रज्ञा को याद करता है वो प्रज्ञा के साथ बिताए अपने उस पल को महसूस करता है कि वो प्रज्ञा के साथ है लेकिन प्रज्ञा उसे नही मिलता है. जहां प्रज्ञा समझदारी के साथ किंग को बाहर निकालने की कोशीश करती है वहीं तन्नु अभि के लिये पुलिस वालों से ऐसे बात करती है जैसे वो चाहती है कि अभि जेल में ही रहे, पूरब के समझाने पर तन्नु वहां से चली जाती है.
9.20 अभि को पुलिस वाला में बुलाता है जहां वो अंदर जाने से पहले ही प्रज्ञा को देख लेता हैं जहां वो पुलिस वाले को बोलते देख लेता है जहां वो पुलिस वाले को बोल रही होती है कि उसकी और किंग की शादी को सात साल हो गए हैं.जिसे सुन अभि कुछ नही समझ पाता है. जहां पुलिस वाला अभि को पुलिस के कहने पर छोड़ देते हैं वही प्रज्ञा के कहने पर पुलिस वाले प्रज्ञा के कहने पर किंग को छोड़ते हैं.
9.25 किंग को पुलिस से छुड़वाकर प्रज्ञा बाहर निकल रही होती है कि अभि भी उसे याद करता हुआ वहां से पूरब के साथ निकलता है. अभि को बाहर जाता हुआ किंग देख लेता है और प्रज्ञा को कहता है कि वही ये सिंगर है जो उसे फंसा रहा है. प्रज्ञा जब तक अभि की ओर देखती अभि वहां से निकल जाता है और वो उसे देख नही पाती है जिसके बाद अभि बाहर आता है और प्रज्ञा की गाड़ी को जाता हुआ देखता है. तभी अभि प्रज्ञा की यादों से बाहर आकर जाती हुई कार के पिछे जोर से प्रज्ञा का नाम चिल्लता है.