KGF Movie Review: फिल्म केजीएफ 21 दिसंबर यानी शुक्रवार को रिलीज हो चुकी है. क्रिसमस के मौके पर एक तरफ जीरो तो दूसरी तरफ केजीएफ के बीच अच्छी भिड़त देखने को मिल रही है. कन्नड़ फिल्मकार प्रशांत नील ने ‘केजीएफ’के जरिए फैंस को शानदार तोहफा दिया है. वहीं फिल्म के हीरो यश के एक्शन, स्टाइल और लुक तो फैंस को खूब पसंद आने वाला है.
बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. कन्नड फिल्मकार प्रशांत नील ने ‘केजीएफ’ के जरिए वाकई में कमाल कर दिया है, डार्क और अंडरवर्ल्ड की फिल्में देखने के शौकीन लोगों के लिए ‘केजीएफ’ यानी कोलार गोल्ड फील्ड वाकई में एक नायाब तोहफा साबित होगी। इस मूवी के लीड एक्टर यश के लुक, एक्शन और स्टाइल ने वाकई में कमाल कर दिया है, पहली ही मूवी से वो देश के लोगों की नजरों में चढ़ जाएंगे।
कहानी रॉकी (यश) नाम के एक ऐसे लड़के की है, जिसने कभी बाप को देखा ही नहीं और गरीब मां ने उसे बड़े सपने दिखाए तो वो मुंबई का सबसे ताकतवर आदमी बनने की मन में ठान लेता है। जल्द ही शेट्टी गैंग का सबसे दमदार चेहरा बन जाता है, लेकिन शेट्टी के सर पर साउथ के गैंग्स का हाथ है। साउथ में सबसे ताकतवर आदमी होता है कोलार गोल्ड फील्ड पर अपना कब्जा बनाकर रखने वाला परिवार। जो कर्नाटक की सत्ता को भी अपने हाथ में रखता है, लेकिन जैसे ही पता चलता है कि उस परिवार का मुखिया कभी भी मर सकता है, तो उसको बेटे के खौफ से सत्ता में बैठे लोग उसे खत्म कर देना चाहते हैं। रॉकी को मुंबई की गद्दी देने का वायदा करके वो उसके बेटे को मारने का कांट्रेक्ट करते हैं।
बंगलौर आकर रॉकी पहले बंगलौर के पॉवरफुल लोगों में से एक राजेन्द्र देसाई की बेटी रीना (श्रीनिधि शेट्टी) से टकराता है और उसे उससे प्यार हो जाता है। रॉकी देसाई व बाकी लोगों के लिए छोटे सरकार को बंगलौर पार्टी ऑफिस में मारने की साजिश रचते हैं, लेकिन कामयाब नहीं हो पाते। तो नाकामयाब रॉकी छोटे सरकार के गढ़ यानी कोलार गोल्ड फील्ड में जाने का फैसला करता है और मजदूरों में शामिल होकर उन खदानों में पहुंच जाता है। जहां उसे अपने मिशन को अंजाम देना होता है।
ऐसे में आप पहले से ही जान लें कि ये मूवी बाहुबली की तरह दो पार्ट में बनी है, पहले पार्ट में केवल गैंगवार थी, लेकिन दूसरे पार्ट में दुबई का एक स्मगलर, गैंगस्टर और एक महिला राजनेता की महत्वाकांक्षाओं के साथ साथ रॉकी का स्टारडम भी दिखाया जाएगा। पहले हाफ में रॉकी की स्टाइल और मुंबई में उसका सिक्का कैसे जमता है, उस पर फोकस किया गया है, मॉनी रॉय का एक रीमिक्स गीत गली गली भी है, सो फिल्म में मजा आता है। दूसरे हाफ में खासतौर पर कोलार गोल्ड फील्ड में पहुंचने के बाद फिल्म काफी डार्क हो जाती है, रोमांस या कॉमेडी जैसे फैक्टर्स के बजाय एक्शन और फीयर फैक्टर हावी हो जाते हैं। कोलार गोल्ड फील्ड के लिए इलाका, सैट और रंग भी काफी डार्क इस्तेमाल किए गए हैं।
ये मूवी हिंदी समेत कई भाषाओं में रिलीज हुई है, हालांकि हिंदी में ज्यादा प्रमोशन नहीं हुआ। हिंदी बेल्ट में यश, श्रीनिधि और प्रशांत नील को कोई जानता भी नहीं है। लेकिन ये तय है कि इस मूवी के बाद यश को तो लोग कम से कम जानना शुरू ही कर देंगे। ऐसे में भले ही ये पहला पार्ट है, लेकिन आपको कुछ भी बाकी नहीं लगेगा, पैसे भी वसूल होते दिखेंगे।
क्रिटिक स्टार्स– ***1/2
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