Kader Khan Death: मशहूर अभिनेता कादर खान का लंबी बीमारी के बाद आज सुबह निधन हो गया. तकरीबन 300 से ज्यादा फिल्मों में अपनी बेहतरीन एक्टिंग से दिल जीत चुके कादर खान का फिल्मी सफर इतना भी आसान नही था. लेकिन बॉलीवुड के मशहूर निर्माता निर्देशक मनमोहन देसाई की एक फिल्म ने उनकी किस्मत रातों रात पलट दी. लेकिन तभी अचानक कुछ ऐसा हुआ जब मनमोहन देसाई को कादर खान से फाड़कर फेंक दूंगा कहना पड़ गया.
बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. कादर खान का शुरूआती जीवन काफी गरीबी में गुजरा था। एक तरफ उनके तीन भाइयों की जब एक के बाद एक बचपन में ही मौत हो गई तो मां ने चौथे बेटे कादर को बचाने के लिए काबुल छोड़ना बेहतर समझा और मुंबई के कमाठीपुरा में रहने लगे। मां और पिता के रोज के झगडों के चलते उनमें तलाक हो गया, नाना और मामा ने उनकी मां की दूसरी शादी करवा दी, लेकिन वो भी कुछ कमाता नहीं था। ऐसे में कादर खान के लिए मुश्किलों भरा सफर था। ऐसे में उनकी किस्मत का तारा तब चमका जब बॉलीवुड के मशहूर निर्माता निर्देशक मनमोहन देसाई ने फिल्म रोटी का क्लाइमेक्स उनसे लिखवाया।
मनमोहन देसाई तक पहुंचने की उनकी कहानी काफी रोमांचक है। दरअसल उस गरीबी में भी कादर खान ने सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कर लिया और फिर इंजीनियरिंग की डिग्री भी ले ली। बीच बीच में थिएटर करने लगे, एक्टिंग तो करते ही प्ले लिखने भी लगे। जिससे उनकी कुछ कमाई हो जाती थी। एक कॉलेज में लेक्चरर की जॉब भी मिल गई। प्ले करना उन्होंने जारी रखा। ऑल इंडिया रेडियों का एक प्ले कॉम्पटीशन हुआ, जिसमें कादर खान के एक प्ले ‘लोकल ट्रेन’ को ये अवॉर्ड मिला और 300 रुपए महीने कमाने वाले कादर खान को इकट्ठे 1500 रुपए मिले।
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वो काफी खुश हुए तो कार्यक्रम में मौजूद नरेन्द्र बेदी ने उनको अपनी आने वाली फिल्म ‘जवानी दीवानी’ के कुछ सीन लिखने को कहा, उन्होंने सोचा था ये कई दिनों में वापस आएगा, लेकिन कादर खान ने दो दिनों में उनको सीन लिखकर दे दिए, वो हैरान था। ये फिल्म उन्हें लिखने को मिल गई और 1500 रुपए का मेहनताना भी। रणधीर कपूर इस फिल्म के हीरो थे। उसके बाद उन्हें एक मूवी के लिए 10 हजार रुपए मिले, वो काफी हैरान थे कि इतना पैसा यहां मिलता है। तब उनके प्रोडयूसर हबीब ने उनको मनमोहन देसाई से मिलवाया, लेकिन देसाई पहले ही लेखकों से भरे बैठे थे, बोले—एक और मियां राइटर को ले आए। कुछ नहीं कर पाएंगे ये।
जब हबीब ने कहा एक बार इनका काम तो देख लीजिए, इस पर मनमोहन देसाई बोले—अगर पसंद नहीं आया तो यहीं फाड़ के फेंक दूंगा। तब कादर खान बोले—और अगर पसंद आ गया तो? मुस्कराए मनमोहन देसाई और कहा कि तब मैं तुम्हें सर पर उठाकर नाचूंगा। तब मनमोहन देसाई राजेश खन्ना के साथ फिल्म ‘रोटी’ पर काम कर रहे थे और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि इसका क्लाइमेक्स कैसे इतना जबरदस्त बने कि मजा आ जाए। उन्होंने कादर खान को उसका क्लाइमेक्स लिखने को कहा, कादर खान ने जो लिखा, उसे पढ़कर वाकई में नाचने लगे थे देसाई और इस तरह रोटी के जरिए बॉलीवुड राइटर्स के बड़े चेहरों में शामिल हो गए थे कादर खान।
मनमोहन देसाई ने उन्हें तकरीबन 1 लाख 21 हजार रुएप मेहनताना दिया था। कहीं कादर खान ने बताया था कि 25 हजार नकद थे, बाकी का उन्होंने सामान गिफ्ट किया था। रोटी की कामयाबी के बाद बॉलीवुड ने कादर खान के लिए कई रास्ते खोल दिए, यहां तक कि देसाई के विरोधी कैम्प के प्रकाश मेहरा ने भी काम दिया। उन दिनों एक कैम्प का आदमी दूसरे में काम नहीं करता था, कादर खान पहले थे और अमिताभ बच्चन दूसरे, जो दोनों के साथ काम करने लगे थे।
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