मुंबई. मशहूर लेखक जावेद अख्तर अक्सर ही अपने विवादित बयानों के चलते सुर्ख़ियों में बने रहते हैं. इसी कड़ी में अब गीतकार का एक और बयान इस समय खूब वायरल हो रहा है. दरअसल, लेखक जावेद अख्तर ने अपने हालिया इंटरव्यू में कह दिया कि जब (मुस्लिम) मर्द को एक वक्त में एक से ज्यादा […]
मुंबई. मशहूर लेखक जावेद अख्तर अक्सर ही अपने विवादित बयानों के चलते सुर्ख़ियों में बने रहते हैं. इसी कड़ी में अब गीतकार का एक और बयान इस समय खूब वायरल हो रहा है. दरअसल, लेखक जावेद अख्तर ने अपने हालिया इंटरव्यू में कह दिया कि जब (मुस्लिम) मर्द को एक वक्त में एक से ज्यादा पत्नी रखने का हक है तो फिर औरतों को क्यों नहीं . उन्होंने कहा कि ये बराबरी के खिलाफ है, ऐसे में अब उनके इस बयान पर लखनऊ में ऑल इंडिया शिया चांद कमेटी के प्रेसिडेंट मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी ने कड़ी आपत्ती जताई है और लेखक को माफ़ी मांगने को कहा है.
बीते रोज़ एक चैनल को दिए इंटरव्यू में जावेद अख्तर समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) के संबंध में बात कर रहे थे, इसी दौरान उन्होंने कहा था कि, “जो दिल से महसूस करता है उसे तो कॉमन सिविल कोड में रहना चाहिए.. अब उदाहरण के लिए देखिए मेरी बेटी है और मेरा बेटा है. जो भी मेरे पास प्रॉपर्टी है, उसमें से मैं दोनों को बराबर दूंगा…कॉमन सिविल कोड का मतलब ये नहीं कि सभी समुदाय का एक कानून हो, इसका मलतब ये है कि औरत और मर्द के लिए एक ही कानून हो. कॉमन सिविल कोड में ये ज़रूर है कि ये जो द्विविवाह है यानी एक से ज्यादा बीवी, ये तो बराबर नहीं है. क्योंकि जब मर्द एक से ज्यादा बीवी रख सकते हैं तो फिर औरतें क्यों नहीं. आदमी और औरत को एक सामान अधिकार देने चाहिए। ये बराबरी के खिलाफ है और ये हमारे कानून के खिलाफ है, इसलिए दोनों को सामान अधिकार देना चाहिए.”
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