जावेद अख्तर ने फरहान और जोया की खोली पोल, बताया कुछ ऐसा राज़…

नई दिल्ली: बॉलीवुड के मशहूर लेखक जावेद अख्तर, जिन्होंने ‘शोले’, ‘दीवार’ और ‘जंजीर’ जैसी ऐतिहासिक फिल्मों के साथ-साथ कई हिट गाने लिखे हैं. हाल में उन्होंने अपने बच्चों फरहान और जोया अख्तर के साथ काम करने के अनुभव को शेयर किया। जावेद अख्तर के बेटे फरहान अख्तर ने ‘दिल चाहता है’ और ‘लक्ष्य’ जैसी सफल […]

Advertisement
जावेद अख्तर ने फरहान और जोया की खोली पोल, बताया कुछ ऐसा राज़…

Yashika Jandwani

  • October 8, 2024 9:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: बॉलीवुड के मशहूर लेखक जावेद अख्तर, जिन्होंने ‘शोले’, ‘दीवार’ और ‘जंजीर’ जैसी ऐतिहासिक फिल्मों के साथ-साथ कई हिट गाने लिखे हैं. हाल में उन्होंने अपने बच्चों फरहान और जोया अख्तर के साथ काम करने के अनुभव को शेयर किया। जावेद अख्तर के बेटे फरहान अख्तर ने ‘दिल चाहता है’ और ‘लक्ष्य’ जैसी सफल फिल्मों का निर्देशन किया है, जबकि बेटी जोया अख्तर ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ और ‘गली बॉय’ जैसी फिल्मों के लिए जानी जाती हैं।

बच्चे बॉस की तरह व्यवहार करते हैं

बातचीत के दौरान जावेद अख्तर ने बताया कि जब उनके बच्चे उनसे काम करवाते हैं, तो वे बॉस की तरह व्यवहार करते हैं। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, “फरहान लड़ते नहीं, बस मेरी लाइनें रिजेक्ट कर देते हैं, जबकि जोया मुझसे लड़ती है।” जावेद ने हंसते हुए कहा कि जोया को पता है कि वह उन्हें अपनी जायदाद से बेदखल कर सकते हैं, फिर भी वह उनसे बहस करने से नहीं कतराती। आगे उन्होंने यह भी बताया कि उनके बच्चों के लिए उनका बॉस बनना आसान है क्योंकि बाकी लोग उनके अनुभव और सीनियरिटी का लिहाज करते हैं, लेकिन जोया और फरहान को इस तरह का कोई संकोच नहीं होता।

कुत्ते के लिए लिखे डायलॉग

जावेद अख्तर ने एक और दिलचस्प किस्सा शेयर करते हुए कहा कि पिछले 20-25 सालों में उन्होंने सिर्फ एक फिल्म ‘लक्ष्य’ की स्क्रिप्ट लिखी है। हालांकि फरहान के लिए उन्होंने कई फिल्मों में डायलॉग्स लिखे हैं। उन्होंने जोया की फिल्म ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ में केवल एक कुत्ते के डायलॉग लिखे। ‘दिल धड़कने दो’ में भी उन्होंने केवल डॉग के विचारों को शब्दों में ढाला था। जोया का मानना था कि उनके पिता से बेहतर कुत्ते के विचारों को कोई नहीं लिख सकता।

ये भी पढ़ें: बॉलीवुड के इस सुपरस्टार के परिवार को लगा था किसी का श्राप, डर से नहीं की शादी

Advertisement