श्रीनगर, विश्वभर में प्रसिद्ध संतूर वादक शिव कुमार शर्मा के निधन से अभी कला प्रेमी उभरे भी नहीं थे कि प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी का भी आज निधन हो गया. उनका जन्म वर्ष 1948 में श्रीनगर में हुआ था, उनका पूरा नाम भजन लाल सोपोरी था और इनके पिता पंडित एसएन सोपोरी भी […]
श्रीनगर, विश्वभर में प्रसिद्ध संतूर वादक शिव कुमार शर्मा के निधन से अभी कला प्रेमी उभरे भी नहीं थे कि प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी का भी आज निधन हो गया. उनका जन्म वर्ष 1948 में श्रीनगर में हुआ था, उनका पूरा नाम भजन लाल सोपोरी था और इनके पिता पंडित एसएन सोपोरी भी एक संतूर वादी ही थे. संतूर वादन की शिक्षा इन्हें विरासत में मिली थी.
भजन सोपोरी को घर पर ही उनके दादा एससी सोपोरी और पिता एसएन सोपोरी से संतूर वादन की शिक्षा मिली थी. इसीलिए कहा जाता है कि संतूर वादन की शिक्षा उन्हें विरासत में मिली थी. दादा और पिता से इन्हें गायन शैली व वादन शैली में प्रशिक्षण दिया था, भजन सोपोरी ने अंग्रेजी साहित्य में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी, जिसके बाद इन्होने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का अध्ययन किया था.
इससे पहले, भारतीय रंगमंच की खुशबू को देश-दुनिया में अमिट पहचान दिलाने वाले वेद शास्त्रों से उपजे शास्त्रीय संगीत के गायन व नर्तन की समस्त विधाओं के प्रवर्तक और पूरब अंग गायकी के पितामह पंडित बिरजू महाराज का 17 जनवरी 2022 को 83 साल की उम्र में हृदयघात (हार्ट अटैक) से निधन हो गया था.
पंडित बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को नवाबों के शहर लखनऊ में हुआ था. ये लखनऊ घराने से ताल्लुक रखते थे. इनका वास्तविक नाम पं. बृजमोहन मिश्र उर्फ (बिरजू) था. बिरजू महाराज के गांव में सूखा पड़ने के बाद लखनऊ के नवाब ने इनके पूर्वजों को भरण पोषण किया. उसके बाद बिरजू महाराज के पूर्वज नवाब वाजिद अली शाह को कत्थक सिखाने की शिक्षा देने लगे. इनके पिता का नाम अच्छन महाराज था, जो इनके शुरूवाती गुरू थे. इनके चाचा का नाम शंभु महाराज और लच्छू महाराज था.
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