दीप सुनंदा के कहने पर कल्याणी को मारने निकलता है लेकिन ठीक समय पर आरोही पहुंच कर सारा गेम बिगाड़ देती है. दीप की विराज बेज्जती करता है जिसकी सजा दीप अपने आप को मार कर देता है. आरोही दीप की सेवा करती है जिससे उसे तारा के रूप में आरोही दिखती है.
नई दिल्ली : ऐसा हो नही सकता की सुनंदा दीप को कुछ काम कहे और दीप उसे पूरा ना करे आज भी कुछ होने जा रहा था लेकिन तारा बनी आरोही ने ऐसा गेम खेला की दीप का अब तक बनाया विश्वास घर में टूट ही नही बल्कि बिखर गया. दरअसल कल्याणी को मारने का काम दीप को सुनंदा ने दिया जिसे दीप ने पत्थर की लकीर मान घर से निकल गया लेकिन रास्ते में तो खड़ी है तारा यानि की आरोही जो ऐसे किसी को भी मरने नही देगी जिससे उसे मदद की उम्मीद है. अरे सुंनदा और विराज की दुश्मन तो फाइनली आरोही का दोस्त ही होगा. तो आरोही दीप को रोकती है वो नही रूकता है तो वो उसकी कार पंचर कर देती है और खुद दुसरी कार ले निकल जाती है कल्याणी को बचाने अलीबाग वाले बंगले में.
आरोही दरवाजा खोल ही रही होती है कि कहानी में ट्विस्ट लाने के लिये सिरियल के मेकर्स वहां दीप को भी पहुंचा देते है लेकिन जैसा की एक्सपैक्टेड था दीप आरोही को वहां नही देखता है और ताला तोड़कर अंदर जाता है पिछे से आरोही भी जाती है और दीप पर वार कर कल्याणी को वहां से भगा देती है. दीप को होश आता है और वो सामने खड़ा होता है सुंनदा के, अब विराज और सुंनदा मिलकर करते हैं दीप की खूब सारी बेज्जती.
दीप का दूसरा चेहरा भी आज ही दर्शकों के सामने आता है जहां दीप अपने आप को ढ़ेर सारी मार खिलवाता है. वो भी भाड़े के गुंडो से, वही आरोही का प्यार उमड़ता है दीप के लिये वो उसे ना सिर्फ घर ले आती है बल्कि उसकी ढ़ेर सारी सेवा भी करती है. जिससे दीप इंप्रेस हो जाता है और कहता है कि वो उसे आज आरोही की तरह लग रही है. जिसके बाद आरोही सोचती है कि क्या वो उसका दोस्त है या दुश्मन?