आरोही किसी भी हालत में दीप के नाम की मेंहदी अपने हाथ में नही लगवाना चाहती है वो असली तारा को डरा कर मेंहदी के लिये बैठाती है लेकिन तारा की चलाकी के बाद वो उसे कैद कर देती है. तारा किसी तरह आरोही के चंगुल से बच निकलती है और आरोही को अपना बंदी बना लेती है.
नई दिल्ली: मेंहदी की रस्म में असली तारा ने अपने हाथ में दीप के लिये मैसेज लिखवाया था लेकिन इससे पहले की दीप उसे पढ़ता तारा के हाथ में जलन होने लगती है और वो अपने कमरे में भागती है जहां उसके पीछे असली आरोही पहुंच जाती है वो तारा को मार कर बेहोश कर देती है और जल्दी से तारा के कपड़े पहन लेती है. इतने में घरवाले आ जाते हैं लेकिन आरोही हाथ जलने का बहाना बनाकर सारी मेंहदी मिटाने का नाटक करती है. दीप पता लगवाता है कि जिसने तारा के हाथ में मेंहदी लगाई थी वो लड़की कौन है लेकिन उसे पता चलता है कि जिस मेंहदी वाली को उसने तारा की मेंहदी के लिये बुलवाया था वो तो आई ही नही.
दीप डर जाता है वहीं आरोही निक्कू को ये भरोसा दिलाने में कामयाब हो जाती है कि वो ही उसकी बुआ है. आरोही ये भी जानने की कोशीश करती है कि अगले दिन यानि हल्दी लगने के दिन के लिये दीप क्या सिक्योरिटी लगा रहा है. आरोही को पता चलता है कि दीप पूरे घर में सीसीटीवी कैमरा लगवा रहा है जिससे घर में जो कुछ भी होगा रिकोर्ड कर लिया जाएगा. ये जानकर आरोही घर में बिजली वाला बनकर एंट्री करती है.
असली तारा हल्दी की रस्म के लिये आती है लेकिन वो बेहोश होने का बहाना कर सुनंदा के गले से उस हार को निकालने में कामयाब हो जाती है, वो बाथरूम जाने का बहाना कर वहां से निकलती है जिसे आरोही देख लेती है आरोही तारा का पिछा करते हुए वहां जाती है लेकिन पिछे से हुए अचानक एक वार से आरोही बेहोश हो जाती है आरोही को जब होश आता है तो वो उसी चेयर में बंधी होती है जिसमें कभी वो तारा को बांधा करती थी. तारा आरोही के गले में वो ही बम की माला डाल देती है और रिमोर्ट लेकर उसे डराती है कि वो उसे मार डालेगी.
अचानक अब तक जो आरोही के साथ सब ठीक चल रहा था तारा के इस कदम से बदल कर रह जाता है. तो क्या तारा के जाल में आरोही फंस गई या फिर होगा कोई चमत्कार.