ishq Mein Marjawan 17 October 2018 Full Episode Written Update: आरोही किसी भी तरह दीप से बदला लेना चाहती है. वहीं मौसी ने विराट तारा के साथ दीप को बेहोश कर दिया है.
नई दिल्ली: Ishq Mein Marjawan 17 October 2018 Full Episode Written Updates:
नई दिल्ली:
7.30 कड़ी मेहनत कर युद्द का अभ्यास कर रही आरोही किसी भी हालत में हार नही मानने वाली है. वो परिश्रम कर रही है कि किसी भी तरह वो युद्द की कला सीख जाए. कई बार आरोही थकती है लेकिन उसे दीप के सारे जुल्म याद आते हैं और वो फिर खड़ी हो जाती है. तारा और विराट को दीप के साथ जब होश आता है तो वो लोग देखते हैं कि कैसे वो लोग मौसी जैसी औरत के कब्जे में हैं. वो लोग बात करते हैं कि मौसी ने कैसे
7.35 तीनों के पास मौसी आती है. वो उसे कहती है कि वो उन तीनों को जान से मार देगी. वो कहती है कि वो उन लोगो का खाना देगी ना पानी. लेकिन वो कहती है कि अगर दीप चाहे तो वो उसकी बात मान ले जिसके बाद वो उन लोगो को छोड़ देगी. लेकिन दीप उसकी बात नही मानता है और उसके साथ कहीं भी जाने के लिये इंकार कर देता है.
7.40 मौसी अपनी गुंडे को इशारा करती है जिसके बाद वो विराट के पैर पर चाकू मार देता है. मैसी कहती है कि अगर दीप उसके साथ जाने के लिये राजी नही हुआ तो वो तारा और विराट को जान से मार देगी. वो दूसरा चाकू तारा पर चलाने के लिये उठाती है लेकिन दीप उसे मना कर देता है वो कहता है कि वो उन लोगो के साथ कुछ ना करे.दीप को मौसी ले जाती है. उसके जाने के बाद विराट तारा को कहता है कि उन लोगो ने उसके साथ कभी अच्छा नही किया फिर भी दीप को उन लोगो की तकलीफ क्यों नही देखी जा रही है.
7.45 विराट की बात सुन कर तारा खुश हो जाती है वो कहती है कि आरोही के मरने के बाद दीप की जिंदगी में उन दोनो के सिवा कोई नही है वो कहती है कि कल का भूला शाम को वापस आ जाए तो ही ठीक है. वो खुश हो जाती है. वहीं आरोही से वो योद्दा कठीन परिश्रम करवाता है वो उसे कभी भार उठवाता तो कभी लकड़ी तोड़वाता है. सभी उसे कहते हैं कि वो शारिरिक रूप से कमजोर है उससे वो अभी इतने भी कठीन काम ना करवाए. लेकिन वो कहता है कि उसके पास काफी कम वक्त है.
7.50 आज के पूरे एपिसोड में आरोही को सिर्फ अस्त्र शस्त्र चलाते हुए देखा गया. जहां एक सीन में वो सिखने में इतनी वयस्त रहती है कि उसके पीछे आग लग जाती है और उसे होश भी नही होता है. ये देखकर योद्दा खुश हो जाता है वो पहले तो आरोही को बचाता है फिर उसकी तारिफ करता है वो उसे कहता है कि अगर वो ऐसे ही सिखती रही तो जल्द ही अपनी मंजिल को पहुंचेगी.
7.55 आरोही रात दिन एक करके कला को सिखती है वो लकड़ी में फूंस लगा कर एक पूतला बनाती है जिसे वो दीप की शक्ल देती है वो उस पूतले को देखकर कसम खाती है कि वो किसी भी हालत में अपने लक्ष्य से पीछे नही हटेगी.
8 योद्दा अपने लड़ाको को कहता है कि वो आरोही को ढ़ेर सारी लकड़ी लोड़ने को दे वो कहता है कि जब तक वो सारी लकड़ी नही तोड़ देगी उसे खाना पानी ना दे. आरोही उसकी सारी परिक्षाओं पर खरी उतरती है तो वो उसे उसका पहला शस्त्र देता है वो उसे कहता है कि वो इस शस्त्र को जीत चुकी है. जिसे वो सीधा दीप के पुतले की सीने पर उतार देती है.