Ishq Mein Marjawan 12 December 2018 Full Episode Written Updates: आरोही दीप को जेल की रिमांड में भेजकर खुश होती है. लेकिन उसके सामने जब दीप को मार पड़ती है तो वो परेशान हो जाती है. वो वहां से निकलने वाली ही होती है कि दीप उसे बताता है एक ऐसी सच्चाई जिसके बाद दीप के लिये रो पड़ती है आरोही
नई दिल्ली Ishq Mein Marjawan 12 December 2018 Full Episode Written Updates:
आरोही दीप के घर जाकर कहती है कि अब वो उसी घर में रहेगी. वो कहती है कि आज से ये उसका है. तारा आरोही को देखकर जोर जोर से चिल्लाती है वो कहती है कि वो उसे जिंदा नही छोड़ेगी. लेकिन आरोही उसे करारा जवाब देती है. वो कहती है कि उसका दीप जेल चला गया है. वो भी चाहे तो दीप के पास वहां जा सकती है. आरोही को देखकर तारा अपने कमरे से सारा समान निकालने लगती है लेकिन आरोही उसे कहती है कि उसे ना तो तारा का चेहरा पसंद है और ना ही उसका कमरा. वो कहती है कि वो उस कमरे में रह सकती है वो घर के किसी भी कोने में रह सकती है उसे कोई फर्क नही पड़ता है.
दीप की मां अपने कमरे में जाकर जोर जोर से रोने लगती है वो कहती है कि ना जाने उसके साथ क्या हो रहा है. पहले दीप को जेल हो गई. फिर वो गुरूमां जो दीप के मां के अतीत के सारे राज जानकी है. फिर मांजी के उस संदूक से वो सारी चिजे गायब हो जाना जिसे उसने इतने साल से संभाल कर रखा था. वो कहती है कि अब इतने साल बाद आरोही का उस घर में आ जाना वो समझ नही पाती है कि उन लोगो के साथ जो हो रहा है वो कौन करवा रहा है.
तारा आरोही को पानी में बांध कर डूबो देती है. वो उसके होश आने पर कहती है कि वो आरोही को जान से मार देगी. आरोही चिल्ला भी नही पाती है क्योंकि उसके मुंह में कपड़ा बंधा होता है. तारा उसे कहती है कि उसने तारा रायचंद से पंगा लिया है वो कहती है कि वो उसे आज मार कर ही दम लेगी. तारा पानी में करंट छोड़ने के लिये तार का स्विच ऑन करती है कि तभी वहां विराट और अभिमन्यु आ जाता है वो उसे बचा लेता है. तारा विराट को आरोही का साथ देता देख पागल हो जाती है वो कहती है कि वो अपने दीप को किसी भी हालत में बचा लेगी. तारा वहां से निकल जाती है.
दीप को जेल में दूसरे बदमाश कैदी एक बार फिर परेशान करते हैं वो दीप की मां के लिये गलत शब्द इस्तेमाल करते हैं. जिसके बाद दीप उन लोगो को बुरी तरह मारता है. विराट दीप को लेकर रिमांड रूम में जाता है जहां पहले से ही आरोही मौजूद होती है वो दीप को मार खाता देख पहले तो परेशान होती है लेकिन जैसे ही दीप के सितम को याद करती है वो उसे और मारने के लिये कहती है. आरोही दीप को कहती है कि वो उसके लिये मौत के दरवाजो को इतने जल्दी नही खोलने देगी. वो कहती है कि वो दीप को इतने जल्दी मरने नही देगी.
तारा दीप के वकील को फोन करती है और कहती है कि अगले हफ्ते दीप की सुनवाई है वो कहती है कि भले ही झूठे केस बनाने हो या गवाह लाना हो वो कहती है कि वो दीप को मनहूस जेल से बाहर देखना चाहती है. वकील उसे विश्वास दिलाता है कि वो दीप को किसी भी हालत में जेल से बाहर निकाल लेगा. लेकिन जैसे ही वकील फोन रखता है वहां उसके सामने आरोही खड़ी होती है वो उसे कहती है कि दीप किसी भी हालत में बाहर नही आना चाहिये वो कहती है कि दीप पर इसी बार कोर्ट में खून का इल्जाम साफ हो जाना चाहिये. वकील उसकी इस बात के लिये मान जाता है.
दीप को तड़पता देख आरोही को अच्छा नही लगता है वो वहां से निकलने वाली होती है कि वहां से निकल रही होती है कि दीप उसे रोकता है वो आरोही को कहता है कि वो उसे जिस बात के लिये बदला ले रही है वो गुनाह उसने किया ही नही है. वो कहता है कि उसने जो कुछ भी किया वो उसे जिंदा रखने के लिये किया. वो कहता है कि आरोही को जब जब परेशानी हुई दीप भी उतना ही परेशान हुआ. लेकिन आरोही कुछ समझ नही पाती है.