नई दिल्लीः बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता इरफान भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपनी फिल्मों के माध्यम से आज भी वे दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए हैं। इरफान उन अभिनेताओं में से हैं, जिन्होंने देश में ही नहीं, विदेशों में भी अपने अभिनय से दिलों को जीता है। इरफान अगर आज […]
नई दिल्लीः बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता इरफान भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपनी फिल्मों के माध्यम से आज भी वे दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए हैं। इरफान उन अभिनेताओं में से हैं, जिन्होंने देश में ही नहीं, विदेशों में भी अपने अभिनय से दिलों को जीता है। इरफान अगर आज हमारे बीच होते, तो अपना जन्मदिन मना रहे होते।
अभिनेता का जन्म सात जनवरी 1967 को जयपुर के एक मुस्लिम पठान परिवार में हुआ । उनका पूरा नाम साहबजादे इरफान अली खान था। इरफान ने अपना बचपन टोंक और राजस्थान में व्यतीत किया । स्कूली पढ़ाई-लिखाई भी वहीं से हुई। उनके पिता टायर का व्यापार करते थे। बता दें अभिनेता पठान परिवार के होने के बावजूद भी बचपन से ही शाकाहारी थे। इस कारण से उनके पिता उन्हें हमेशा यह कहकर चिढ़ाते थे कि पठान परिवार में ब्राह्मण पैदा हो गया है।
इरफान खान ने अपने करियर की शुरुआत टेलीविजन धारावाहिकों से की थी। अपने करियर के शुरुआती वर्षों में वह चाणक्य, भारत एक खोज और चंद्रकांता जैसे धारावाहिकों में दिखाई दिए। इसके बाद उन्होंने 1988 में सलाम बॉम्बे के साथ सिल्वर स्क्रीन पर धूम मचाई और कई यादगार फिल्मों में अभिनय किया। इरफान हमेशा अलग-अलग किरदार निभाने के लिए जाने जाते रहे।
32 साल के करियर में इरफान ने कई फिल्मों में काम किया है जो आइकॉनिक साबित हुई हैं। हासिल के लिए इरफान खान ने इस साल सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। इसके बाद इरफान ने लंचबॉक्स, गुंडे, हैदर, पीकू और हिंदी मीडियम जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया। इरफान खान ने फिल्म पान सिंह तोमर के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था। 2011 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
बता दें बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपने अभिनय की छाप छोड़ने वाले अभिनेता इरफान खान ने 29 अप्रैल 2020 को दुनिया को अलविदा कह दिया था। वे कैंसर से पीड़ित थे। आज भी उनकी दमदार अदाकारी के लिए इंडस्ट्री में उन्हें याद किया जाता है।