आईआरसीटीसी के मेन्यू कार्ड में होने जा रहा है व्यंजनों का इज़ाफ़ा

पटना: भारतीय रेलवे की आईआरसीटीसी अब यात्रा के दौरान अपने मुसाफ़िरों को भारत के अलग-अलग इलाकों के स्थानीय व्यंजनों का लुत्फ़ लेने का मौका देने जा रही है। भारतीय रेलवे का मानना है कि रेल में सफ़र के दौरान रेल यात्रियों को अपने घरों और इलाकों के ज़ायकों से दूर रहना पड़ता है, लिहाज़ा अब […]

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आईआरसीटीसी के मेन्यू कार्ड में होने जा रहा है व्यंजनों का इज़ाफ़ा

Hasin Ahmed

  • December 17, 2022 5:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना: भारतीय रेलवे की आईआरसीटीसी अब यात्रा के दौरान अपने मुसाफ़िरों को भारत के अलग-अलग इलाकों के स्थानीय व्यंजनों का लुत्फ़ लेने का मौका देने जा रही है। भारतीय रेलवे का मानना है कि रेल में सफ़र के दौरान रेल यात्रियों को अपने घरों और इलाकों के ज़ायकों से दूर रहना पड़ता है, लिहाज़ा अब आईआरसीटीसी अपने यात्रियों को ऐसा खाना उपलब्ध कराने जा रही है जिसका ज़ायका तो कमाल होगा ही लेकिन इसके साथ ही यह खाना पौष्टिक और सेहत के लिए ज़रुरी तत्वों से भरपूर होगा।

आईआरसीटीसी के मेन्यू कार्ड में होने जा रहा है व्यंजनों का इज़ाफ़ा

आईआरसीटीसी अपने यात्रियों के लिए बाजरे की बिरयानी और दही-चूड़ा जैसे स्थानीय व्यंजनों का स्वाद सफ़र के दौरान देने जा रहा है। भारतीय रेलवे को देश की लाइफ़-लाईन माना जाता है। इसी सिलसिले में अलग-अलग क्षेत्रों के व्यंजन जैसे दही-चूड़ा और लिट्टी-चोखा उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है।

बाजरे की बिरयानी भी रहेगी आकर्षण का केंद्र!

आईआरसीटीसी ने यह भी बताया है कि उसने यात्रियों को कई अलग तरह के स्वाद पहुँचाने की तैयारी भी की है जैसे कि मिलेट यानि बाजरे की बिरयानी। 2023 में नववर्ष के मौके पर पूर्व मध्य रेल की रेलगाड़ियों में ऐसे लोगों का भी ख़यास रखा जाएगा जो लोग शाकाहारी हैं और मुर्ग़ बिरयानी का लुत्फ़ नहीं ले सकते। आपको बताते चलें की बाजरे की बिरयानी का सबसे ज़्यादा फायदा मधुमेह के मरीज़ों को होने वाला है जिनको इस डिश से डायबिटीज़ का कोई ख़तरा नहीं होगा।

आईआरसीटीसी पटना के संयुक्त महाप्रबंधक ने क्या अहम जानकारियां दी है?

भारतीय रेलवे की इस अनूठी पहल के बारे में जानकारी देते हुए आईआरसीटीसी पटना के महाप्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि भारतीय रेलवे का मकसद अपने यात्रियों को अच्छा, ज़ायकेदार और पौष्टिक भोजन मुहैया कराना है और इसके साथ-साथ उन मरीज़ों का भी ख़याल रखना है जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और केवल कुछ ही व्यंजनों का ही सेवन कर सकते हैं।

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