मुंबई। 95वें ऑस्कर अवॉर्ड्स में फिल्म RRR के गाने नाटू-नाटू को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग की कैटेगरी का अवार्ड मिला। करीब 15 साल बाद ऐसा मौका आया है कि किसी भारतीय ने सिनेमा के सबसे बड़े मंच पर इंडिया का झंडा बुलंद किया है। इसी बीच ऑस्कर अवॉर्ड्स के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर […]
मुंबई। 95वें ऑस्कर अवॉर्ड्स में फिल्म RRR के गाने नाटू-नाटू को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग की कैटेगरी का अवार्ड मिला। करीब 15 साल बाद ऐसा मौका आया है कि किसी भारतीय ने सिनेमा के सबसे बड़े मंच पर इंडिया का झंडा बुलंद किया है। इसी बीच ऑस्कर अवॉर्ड्स के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसको लेकर भारतीय लोगों ने नराजगी जाहिर की है।
सोशल मिडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। दरअसल, इवेंट के दौरान फिल्म आरआरआर के निर्देशक एस.एस राजामौली को उनके परिवार सहित सबसे पीछे वाली सीट दी गई थी। ये बात भारतीय प्रशंसक को पसंद नहीं आई। फैंस इसपर कड़ी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
इस वीडियो को देखने के बाद फैंस ऑस्कर का आयोजन कराने वाली एकेडमी को खरी खोटी सुनाते हुई दिखाई दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि जिस फिल्म के गाने को ऑस्कर से नवाजा गया, उसकी टीम को लास्ट लाइन में बैठाना इंसल्ट है।
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भैरव साउथ इंडियन सिंगर और गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड विनर एमएम कीरावनी के बेटे हैं। इसके अलावा राहुल सिप्लिगुंज भी साउथ इंडस्ट्री के मशहूर सिंगर है, जो 50 से अधिक फिल्मों में अपनी आवाज से लाखों लोगों का दिल जीत चुके हैं। आपको बता दें, इस फिल्म ने बेस्ट सॉन्ग के लिए गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड और क्रिटिक्स च्वॉइस अवॉर्ड भी अपने नाम किया था। फिल्म में राम चरण और जूनियर एनटीआर मुख्य भूमिका में नजर आए हैं । वहीं आलिया भट्ट फिल्म में राम चरण की पत्नी की भूमिका में नजर आईं थी। वहीं फिल्म में अजय देवगन ने कैमियो किया था।
विनर के चुनाव के लिए वोटिंग पूरी तरह से ऑनलाइन की जाती है। ताकि इसमें कोई भी गड़बड़ न हो सके। आमतौर पर सभी कैटेगरी के लिए प्रक्रिया काफी सरल रहती है, जिसे सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं वही विजेता होता है। लेकिन बेस्ट फिल्म के लिए चुनाव की प्रक्रिया अलग तरह से होती है। दरअसल, जिस नॉमिनी को पहले रैंक पर 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिलते हैं उसे ही विजेता घोषित किया जाता है। मगर कोई फिल्म उस सीमा को पूरा नहीं करती है तो सबसे कम वोटिंग मिलने वाले लोगों को हटा दिया जाता है। जिन लोगों ने उस फिल्म को फर्स्ट पोजीशन दी थी, उनके वोट उनकी दूसरी पसंद में स्थानांतरित कर दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक कोई फिल्म बहुमत हासिल न कर ले।
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