मुंबई: किंग ऑफ रोमांस के नाम से प्रसिद्ध फिल्ममेकर यश चोपड़ा अगर आज हमारे बीच होते तो अपना 83वां जन्मदिन मना रहे होते . बता दें कि ‘दीवार’, ‘कभी कभी’, ‘डर’, ‘चांदनी’, ‘सिलसिला’, ‘दिल तो पागल है’, ‘वीर जारा’ जैसी बहुत सी बेहतरीन और रोमांटिक फिल्में बनाने वाले यश चोपड़ा ने पर्दे पर रोमांस और प्यार को नए मायने दिए हैं. हालांकि यश चोपड़ा शराब और सिगरेट से दूर थे लेकिन खाने के बहुत बड़े शौकीन थे.
हालांकि यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर 1932 को लाहौर में हुआ था. बता दें कि उनकी पढ़ाई लाहौर में हुई थी और 1945 में इनका परिवार पंजाब के लुधियाना में बस गया था. दरअसल यश चोपड़ा कभी इंजीनियर बनना चाहते थे. तो वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लंदन भी जाने वाले थे लेकिन उनकी किस्मत उन्हें कहीं और ले जानें वाली थी. बता दें कि फिल्मों में करियर बनाने का सपना लिए वो बंबई आए थे. हालांकि यश चोपड़ा ने सहायक निर्देशक अपने करियर की शुरुआत बड़े भाई बी आर चोपड़ा और आई एस जौहर के साथ की थी. बता दें कि साल 1959 में उन्होंने पहली फिल्म ‘धूल का फूल’ का निर्देशन किया और फिर कई सफल फिल्मों के बाद 1973 में उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी यशराज फिल्म्स की स्थापना की.
बता दें कि 2001 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सिनेमा सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा भी गया था. साथ ही 2005 में उन्हें पद्म भूषण सम्मान मिला और फिल्मों की शूटिंग के लिए यश चोपड़ा को स्विट्जरलैंड सबसे ज्यादा जाना पसंद करते थे. अक्टूबर 2010 में स्विट्जरलैंड में उन्हें वहां एक अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था. बता दें कि स्विट्जरलैंड में उनके नाम पर एक सड़क भी है और एक ट्रेन भी चलाई गई है.
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