Advertisement
  • होम
  • मनोरंजन
  • Chocolate Day: वो समय कैसा था जब चॉकलेट के बदले खरीदी जाती थी बाजार की सबसे मूल्यवान चीज

Chocolate Day: वो समय कैसा था जब चॉकलेट के बदले खरीदी जाती थी बाजार की सबसे मूल्यवान चीज

नई दिल्ली : सेंट्रल अमेरिका में एक ऐसा भी समय था, जब लोग कोकोआ बीन्स देकर दुकानों से अन्य सामान खरीदा करते थे। बता दे कि, सिर्फ 200 कोकोआ बीन्स बदले में भारी-भरकम पक्षी मिल जाती थी। उस समय कोकोआ बीन्स से चॉकलेट नहीं बनती थी, बल्कि उसे शर्बत या सूप की तरह पीने में […]

Advertisement
Chocolate Day: वो समय कैसा था जब चॉकलेट के बदले खरीदी जाती थी बाजार की सबसे मूल्यवान चीज
  • February 9, 2023 2:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : सेंट्रल अमेरिका में एक ऐसा भी समय था, जब लोग कोकोआ बीन्स देकर दुकानों से अन्य सामान खरीदा करते थे। बता दे कि, सिर्फ 200 कोकोआ बीन्स बदले में भारी-भरकम पक्षी मिल जाती थी। उस समय कोकोआ बीन्स से चॉकलेट नहीं बनती थी, बल्कि उसे शर्बत या सूप की तरह पीने में इस्तेमाल करते थे।

बार्टर सिस्टम के तरह काम करते थे कोकोआ बीन्स

दरअसल चॉकलेट में ट्रिप्टोफेन मौजूद है। जो एक तरह का अमीनो एसिड है, जिसका काम ब्रेन तक पहुंचकर सेरोटोनिन पैदा करना है। इसे फील-गुड केमिकल भी कह सकते है। यह समझना साफ़ है कि कैसा भी मूड हो, चॉकलेट खाने के बाद थोड़ा तो सुधरता ही है। जैसा कि आज दुनियाभर में लोग चॉकलेट डे सेलिब्रेट कर रहे हैं, परन्तु हजारों साल पहले अपने कच्चे फॉर्म में भी चॉकलेट बेहद पसंद की जाती थी। आज के समय की चॉकलेट का छोटा बार भी उस वक़्त सोने जितना बहुत मूल्यवान हुआ करता था।

बता दे कि, वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के मानव विज्ञानी डेविड डेनियल के द्वारा हुई रिसर्च में उन्होंने दावा किया कि उस समय में कोकोआ बीन्स किसी करेंसी के रूप में इस्तेमाल हुआ करती थी। ऐतिहासिक समय में यह बार्टर सिस्टम के तहत काम करती थी। कोई भी सामान लेने के बदले में कोकोआ बीन्स को दिया जाता था। वही बाद में 16वीं सदी के दौरान यूरोपियन मालिकों ने खुश होने पर अपने गुलामों को यह बीन्स देना शुरू किए, जिससे की वह बदले में वे अपनी मनपसंद चीज खरीद सकें।

मिले कोकोआ के उपयोग होने के सबूत

बता दे कि, माया सभ्यता के क्लासिक पीरियड में कोकोआ बीन्स की कालाबाजारी भी हुआ करती थी। पौराणिक कालानुक्रम के अनुसार सिन्धु घाटी और मिस्र की सभ्यताओं की तरह ही इस सभ्यता की भी कई बाते अनसुलझी है जिनपर एंथ्रोपोलॉजिस्ट अभी भी रिसर्च कर रहे है। इसी के दौरान पता चला है कि उस दौरान भी चॉकलेट के कच्चे माल यानी कोकोआ बीन्स का भरपूर इस्तेमाल किया जाता था। वही मैक्सिको में मिले म्यूरल्स, सिरेमिक पेंटिंग और नक्काशियों से इस बात के सही होने के पुख्ता सबूत है।

Advertisement