Guru Purnima 2018: शम्मी कपूर ने इस नौजवान बाबा को माना अपना गुरू, खुद को कर दिया बाबा के हवाले

Guru Purnima 2018: बॉलीवुड एक्टर शम्मी कपूर को जब भी याद किये जाते हैं तो हमेशा से उनके दो चेहरे जेहन में याद आते हैं एक तो वो जो वह फिल्मों में मस्तमौला होकर जीते थे. एक वो जो वह रुद्राक्ष की मालाएं लपेटे हुए एक गंभीर बुजुर्ग बने नजर आते थे. क्या आप जानते थे शम्मी कपूर किस बाबा को अपना गुरु मानते थे तो आज गुरुपूर्णिमा के मौके पर जानिए शम्मी कपूर के आध्यात्मिक गुरू के बारे में.

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Guru Purnima 2018: शम्मी कपूर ने इस नौजवान बाबा को माना अपना गुरू, खुद को कर दिया बाबा के हवाले

Aanchal Pandey

  • July 27, 2018 2:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. शम्मी कपूर को जब भी याद किया जाता है तो उनके दो चेहरे जेहन में आते हैं, एक मस्तमौला, बिंदास, उछलते कूदते याहू हीरो का और दूसरा लम्बी दाढ़ी, गले में रुद्राक्ष की मालाएं लपेटे हुए एक गंभीर बुजुर्ग का. दोनों ही एक व्यक्ति के चेहरे हैं, लेकिन दोनों ही चेहरे इतने अलग हैं आपस में, कि लगता नहीं था ये वही शम्मी कपूर हैं.

दरअसल वाकई में शम्मी कपूर ने बढ़ती उम्र के साथ गैटअप ही नहीं बदला, विचार भी बदल लिए थे. जो शम्मी कपूर अपने तमाम अफेयर्स के लिए, लड़कियों के साथ फ्लर्टिंग के लिए जाने जाते थे, वो इतने धार्मिक हो गए थे कि उनके आध्यात्मिक गुरु ने उनके बेटे के लिए लड़की ढूंढी तो पूरे परिवार ने ऐतराज नहीं किया. इतना ही नहीं पूरे कपूर खानदान को लेकर वो उत्तराखंड की पहाडियों में बाबा के आश्रम में पांच दिन रहे और वहीं बेटे की शादी की.

कौन थे ये हैदाखान वाले बाबा, जिनको शम्मी कपूर ने अपना आध्यात्मिक गुरू मान लिया था? इन बाबा का नाम किसी को नहीं पता, कोई भोले बाबा बोलता था, कोई महाप्रभु तो कोई हैदाखान वाले बाबा ही कहता था. दरअसल हैदाखान नैनीताल के पास कुमायूं रेंज में एक जगह का नाम है, जहां इन बाबा का आश्रम था. इनके बारे में कहा जाता था कि ये कैलाश पर्वत की एक गुफा में प्रकट हुए थे. इनकी उम्र शम्मी कपूर के मुकाबले काफी कम थी. 1970 में अचानक ये प्रकट हुए और 1984 में उन्होंने महासमाधि ले ली थी. बाबा कहते थे कि वो हिंदू धर्म नहीं बल्कि सनातन धर्म के साधु हैं.

शम्मी कपूर बाबा के इतनी ज्यादा मुरीद हो गए थे कि बाबा उनके घर के सारे मामले तय करते थे, बाबा ने उनके बेटे का नाम कालभैरव रख दिया, उसके लिए लडकी ढूंढ ली. पूरा परिवार बाबा की पसंद पर राजी भी गया, शादी भी बाबा के आश्रम में की. अब भी शम्मी कपूर की वेबसाइट पर बाबा के नाम पूरा सैक्शन है. आखिर बाबा को शम्मी कपूर से किसने मिलाया? और किस घटना से बाबा के इतने मुरीद हो गए याहू हीरो और कैसे दी शम्मी ने अपने गुरु बाबा हैदा खान को यादगार श्रद्धांजलि, जानने के लिए देखिए ये वीडियो रिपोर्ट

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