Gully Boy Movie Review: एक्टर रणवीर सिंह की फिल्म गली बॉय की कहानी स्लम में बसे एक ऐसे रैपर की कहानी है जिसे रैप करना तो पसंद है लेकिन उसके अंदर इस सपने को पूरा करने का जोश नही है. हालांकि, अपने दोस्त की मदद से रणवीर सिंह अपने अपने रैपर बनने के सपने को पूरा कैसे करते है इसके लिए पढ़े पत्रकार विष्णु शर्मा का फिल्म रिव्यू.
बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. एक लाइन की कहानी है, कि मुंबई की स्लम बस्ती धारावी में रहने वाला लडका मुराद (रणवीर सिंह) एक रैपर बनना चाहता है, लेकिन ना उसमें सपने को पूरा करने का पैशन है और ना ही उसका गरीब परिवार और हालात उसे नौकरी के सिवा कुछ करने की इजाजत देते हैं, फिर भी वो सपना पूरा करता है। लेकिन जोया अख्तर और रीमा कागती की जोड़ी ने मूवी के ताने बाने को ऐसा रचा है कि स्लो मोशन में चलती मूवी आपको रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, विजय राज, सिद्धांत चर्तुवेदी और विजय वर्मा की दमदार एक्टिंग के नजारे करवाएगी और आपको उसके साथ बहाकर ले जाएगी।
कहानी है एक ड्राइवर (विजय राज) के बेटे मुराद (रणवीर) की, जिसे रैप लिखने का शौक है, उसको मेडिकल की स्टूडेंट सफीना (आलिया भट्ट) जुनून की हद तक इश्क करती है। उसको ना अपने सपने पूरा करने का कोई यकीन है और ना ही पैशन, लेकिन एक रैपर एमसी शेर (सिद्धांत चतुर्वेदी) उसके अंदर की आग को चिंगारी दिखाता है, हनुमान के लिए जामवंत का काम करता है। लेकिन पिता दूसरी शादी कर लेता है और उसको मां समेत घर से निकाल देता है, पैसों की तंगी में वो कारें चुराता है। आखिर में अपनी मंजिल पा ही लेता है।
जोया ने ना केवल गंदी बस्ती के एक लड़के के सपने को लीड में रखा है, बल्कि उसकी मरने मारने पर उतारू गर्लफ्रेंड आलिया के साथ उसके रिश्ते, उसके मां-बाप के रिश्तों के साथ साथ मुस्लिम समाज की दकियानूसी सोच को भी निशाने पर लिया है, चाहे वो बहुविवाद का मुद्दा हो या फिर खुले विचारों की तरफ बढ़ने से बच्चों को रोकने का। हालांकि एक लाइन की कहानी को 155 मिनट की मूवी में ढालने के लिए ये जरूरी भी था।
इसलिए कहानी स्लो लगती है, लेकिन आलिया और रणवीर की किरदार के अंदर तक उतर जाने वाली जबरदस्त एक्टिंग आपको बांधे रखती है। विजय राज, शीबा चड्ढा जैसे मंझे हुए कलाकारों के साथ सिद्धांत चतुर्वेदी कमाल लगते हैं, विजय वर्मा भी। हर फिल्म में जोश से लबरेज रहने वाले रणवीर ने एक लो-कॉन्फीडेंस लड़के का रोल फिल्म के आखिरी दस मिनट तक निभाकर वाकई में कमाल कर दिया है, आलिया की आक्रामकता भी आपको चौंका सकती है।
चूंकि कहानी धारावी से निकले रैपर्स की जिंदगी से ली गई है, तो एक एज के बाद वाले लोगों को बोर भी कर सकती है, लेकिन उनके बच्चे किस दौर से गुजर रहे हैं, ऐसा मानकर देखेंगे तो मजा आएगा। हालांकि कुछ गाने अच्छे बन पड़े हैं, लेकिन अपना टाइम आएगा से भी बेहतर एक नॉन रैप गीत लगता है। डॉयलॉग्स और गीतों पर मेहनत आपको साफ नजर आएगी। जोया अख्तर और रीमा कागती ने वाकई में वेलेंटाइन डे पर युवाओं को अच्छा तोहफा दिया है और मुकाबले में कोई बड़ी मूवी भी नहीं है, तो रणवीर-आलिया के खाते में एक सुपर डुपर हिट तय मानिए।
क्रिटिंग स्टार रेटिंग– ***1/2