मुंबई: इस साल बच्चन पांडे, जर्सी, हिट : द फर्स्ट केस, फारेंसिक जैसी कई दक्षिण भारतीय फिल्मों की हिंदी रीमेक फिल्में रिलीज हुई हैं। अब इस लिस्ट में क्राइम कॉमेडी तमिल फिल्म ‘कोलामावू कोकिला’ की रीमेक फिल्म गुडलक जेरी भी शुमार हो गई है। फिल्म की कहानी कहानी पंजाब में अपनी विधवा मां और बहन […]
मुंबई: इस साल बच्चन पांडे, जर्सी, हिट : द फर्स्ट केस, फारेंसिक जैसी कई दक्षिण भारतीय फिल्मों की हिंदी रीमेक फिल्में रिलीज हुई हैं। अब इस लिस्ट में क्राइम कॉमेडी तमिल फिल्म ‘कोलामावू कोकिला’ की रीमेक फिल्म गुडलक जेरी भी शुमार हो गई है।
कहानी पंजाब में अपनी विधवा मां और बहन के साथ रह रही सीधी-सादी और निम्न मध्यमवर्ग परिवार की जया कुमारी उर्फ जेरी यानी जाह्नवी कपूर की है। उसकी मां सरबती (मीता वशिष्ठ) मोमोज बेचकर घर चलाती है। जबकि जेरी मसाज पार्लर में काम करती है। उसकी बहन छाया कुमारी उर्फ चेरी (समता सुदीक्षा) पढ़ाई करती है। पड़ोस में रहने वाले अनिल (नीरज सूद) उसे अपना परिवार मानते हैं।
उसी मोहल्ले में रहने वाला रिंकू (दीपक डोबरियाल) जेरी से एकतरफा प्यार करता है। एक दिन घटनाक्रम ऐसा घटित होता है कि जेरी ड्रग माफिया टिम्मी (जसवंत सिंह दलाल) का काम करने को मजबूर हो जाती है। फिर उसे पता चलता है कि उसकी मां को फेफड़ों का कैंसर है। मां के इलाज के लिए पैसा जुटाने की खातिर वह ड्रग पहुंचाने के काम में जुट जाती है। एक दिन पुलिस के हाथ आते-आते बचने पर वह इस काम को छोड़ने का निर्णय लेती है। घटनाक्रम ऐसे मोड़ लेते हैं कि उसका परिवार भी इस पेशे में शामिल हो जाता है। ऐसे में अपने परिवार को ड्रग माफिया और पुलिस के चंगुल से बचाने के लिए जेरी कैसे तिकड़म अपनाती है।
मूल फिल्म की कहानी और स्क्रीन प्ले नेल्सन दिलीप कुमार ने लिखा था। जबकि रीमेक की कहानी लेखक पंकज मट्टा ने लिखी है। कई धारावाहिकों और वेब सीरीज का निर्देशन कर चुके सिद्धार्थ सेनगुप्ता की बतौर निर्देशक यह पहली फीचर फिल्म है। उनका यह प्रयास तारीफ लायक है। उन्होंने कहानी में टर्न और ट्विस्ट को लेकर रोमांच बनाए रखा है।
पंजाब में नशीले पदार्थों का कारोबार भले ही कहानी का हिस्सा है, लेकिन फिल्म इसके दुष्प्रभावों पर कोई बात नहीं करती। कोई मोरल नहीं देती। डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज गुडलक जेरी हल्की-फुल्की मनोरंजक फिल्म है। संवादों में पंजाबी के साथ बिहारी का पुट है। संवाद चुटीकले हैं। यह आपको काफी गुदगुदाते है। हालांकि फिल्म का क्लाइमेक्स थोड़ा जल्दीबाजी में निपटाया गया है।