Advertisement
  • होम
  • मनोरंजन
  • Hindi Dubbed Films: पहलाज निहलानी ने सेंसर बोर्ड को किया बेनाकाब, जानें इसकी वजह

Hindi Dubbed Films: पहलाज निहलानी ने सेंसर बोर्ड को किया बेनाकाब, जानें इसकी वजह

मुंबई: केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने गैर हिंदी भाषी फिल्मों के निर्माताओं को एक बड़ी राहत देते हुए हिंदी में डब फिल्मों को मुंबई में ही सेंसर सर्टिफिकेट प्राप्त करने की अनिवार्यता को हटा दिया है. बता दें कि सेंसर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी के कार्यकाल में जारी इस आदेश के चलते ही […]

Advertisement
Hindi Dubbed Films: पहलाज निहलानी ने सेंसर बोर्ड को किया बेनाकाब, जानें इसकी वजह
  • October 22, 2023 12:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

मुंबई: केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने गैर हिंदी भाषी फिल्मों के निर्माताओं को एक बड़ी राहत देते हुए हिंदी में डब फिल्मों को मुंबई में ही सेंसर सर्टिफिकेट प्राप्त करने की अनिवार्यता को हटा दिया है. बता दें कि सेंसर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी के कार्यकाल में जारी इस आदेश के चलते ही मुंबई में स्थित सेंसर बोर्ड कार्यालय में हिंदी में डब फिल्मों के निर्माताओं की कतार लगी रहती रही है और इसी के चलते फिल्म तमिल ‘मार्क एंटोनी’ के डब संस्करण को सेंसर सर्टिफिकेट देने में कथित रूप से लाखों रुपये की घूस देने का विवाद सामने आया था.

CBI ने सेंसर बोर्ड रिश्वतखोरी मामले में दर्ज किया केस, CBFC अधिकारियों समेत  अन्य लोगों के खिलाफ होगी जांच - cbi files case against three private people  several others ...
पहलाज निहलानी ने किया बेनाकाब

हालांकि उन्होंने आगे कहा है कि ‘अब उन्होंने सीबीएफ को बहुत अच्छी तरह से एक्सपोज़ कर दिया है और सुना था कि जब ये सरकार बनी थी तो कहा जा रहा था कि न खाऊंगा न खाने दूंगा लेकिन सीबीएफसी खुलेआम खा रहा है और ये लोग रिश्वत ले रहे हैं और बिना उसको ये लोग हैरेस करते हैं, क्योंकि चेयरमैन न तो ऑफिस आते हैं और न रोज का काम देखते हैं.’ साउथ अभिनेता विशाल ने बताया कि अपनी फिल्म ‘मार्क एंटनी’ के हिंदी वर्जन को पास करवाने के लिए करीब 6.5 लाख रुपये का रिश्वत दिया है और उन्होंने सीबीएफसी पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि मुंबई ऑफिस वालों ने उनके पास कोई चारा ही नहीं छोड़ा था.

बता दें कि विशाल ने अपना एक वीडियो शेयर कर अपना दुखड़ा सोशल मीडिया पर सारी दुनिया को सुना डाला है. साथ ही उन्होंने वीडियो में कहा था कि ‘फिल्मों में घूसखोरी जैसा मुद्दा दिखाना ठीक है लेकिन असल जिंदगी में ऐसा करना सही नहीं है. ये बातें हजम नहीं होती हैं और वो भी तब जब सरकारी ऑफिसर हों. बता दें कि CBFC मुंबई ऑफिस में ऐसा ही हो रहा है. हालांकि मुझे भी मार्क एंटनी फिल्म के हिंदी वर्जन को पास कराने के लिए 6.5 लाख रुपये देने पड़े है जो बिलकुल भी ठीक नहीं है’.

Dunki: शाहरुख खान की फिल्म ‘डंकी’ का नया पोस्टर आया सामने, जानें फिल्म कब देगी दस्तक

Advertisement