नई दिल्लीः सेंसर बोर्ड ने गैर हिंदी भाषी फिल्मों के निर्माताओं को बड़ी राहत देते हुए हिंदी में डब फिल्मों को मुंबई में ही सेंसर सर्टिफिकेट प्राप्त करने की अनिवार्यता को रद्द कर दिया है। निर्माताओं ने सीबीएफसी के इस फैसले का स्वागत किया है। सीबीएफसी ने नई अधिसूचना जारी की है, जिसमें हिंदी में […]
नई दिल्लीः सेंसर बोर्ड ने गैर हिंदी भाषी फिल्मों के निर्माताओं को बड़ी राहत देते हुए हिंदी में डब फिल्मों को मुंबई में ही सेंसर सर्टिफिकेट प्राप्त करने की अनिवार्यता को रद्द कर दिया है। निर्माताओं ने सीबीएफसी के इस फैसले का स्वागत किया है। सीबीएफसी ने नई अधिसूचना जारी की है, जिसमें हिंदी में डब होने वाली फिल्में वहीं से सेंसर होगी, जहां फिल्में बनी हैं।
सेंसर बोर्ड की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि निर्माताओं को डब फिल्मों के प्रमाणीकरण के लिए उस कार्यालय में जाना होगा, जहां मूल फिल्म प्रमाणित है। यदि कोई निर्माता किसी तमिल फिल्म के हिंदी संस्करण के लिए सीबीएफसी प्रमाणन चाहता है तो मूल रूप से तमिल फिल्म को प्रमाणित करने वाला क्षेत्रीय सीबीएफसी कार्यालय अब उसी फिल्म के हिंदी संस्करण के लिए सीबीएफसी प्रमाणपत्र जारी करेगा। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने 18 अक्टूबर, 2023 को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें 2017 के निर्देश को निरस्त कर दिया गया है। इस अधिसूचना में हिंदी में डब होने वाली फिल्मों को सेंसर बोर्ड के उन्हीं क्षेत्रीय कार्यालयों से सेंसर हो सकेंगी, जिन क्षेत्रों की भाषाओं में इनकी मूल फिल्में बनी हैं।
सीबीएफसी के मुख्य अधिकारी रविंदर भास्कर ने इस अधिसूचना को लेकर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय फिल्मों के लिए प्रमाणन प्रक्रिया में यह महत्वपूर्ण बदलाव है। यह फैसला क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माताओं को राहत देगा और इससे उनका बोझ भी कम हो जाएगा। निर्माता अब मुंबई में अपनी फिल्मों के हिंदी संस्करणों को प्रमाणित करने में होने वाली देरी और भारी फीस से बच सकेंगे । इस कदम से क्षेत्रीय फिल्म निर्माताओं को आसान और कुशल प्रमाणन प्रक्रिया की सुविधा मिलने की उम्मीद है।