Geeta Dutt Death Anniversary: गुरुदत्त के बंगले के भूत से गीता दत्त की अदावत की कहानी

Geeta Dutt Death Anniversary: आज गीता दत्त की पुण्यतिथि है. जिनका असली नाम गीता घोष रॉय चौधरी था. गीता दत्त ने केवल 12 वर्ष की थी तब उनका पूरा परिवार मुंबई में शिफ्ट हो गई. गीता दत्त को पहली बार गुरुदत्त की नजरों में वो तब आईं, जब उनकी फिल्म बाजी के लिए एसडी वर्मन ने साहिर की एक गजल को क्लब सोंग के रूप में उनसे गवाया.

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Geeta Dutt Death Anniversary: गुरुदत्त के बंगले के भूत से गीता दत्त की अदावत की कहानी

Aanchal Pandey

  • July 20, 2018 1:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

बॉलीवुड डेस्क, मुंबई: गीता दत्त बंगाल के फरीदपुर में जन्मी थीं, जमींदार परिवार था. असली नाम था गीता घोष रॉय चौधरी. जब 12 साल की थीं, तभी परिवार उस जगह को छोड़कर मुंबई में आ गया था. बचपन से ही उन्हें गाने का शौक था, संगीतकार के हनुमान प्रसाद ने मौका दिया, और 1946 में उन्हें पहली बार भक्त प्रहलाद नाम की फिल्म में गाने का मौका मिला. दो गानों में केवल दो दो लाइनें गाने को मिली थीं. 1947 में पूरा गाना मिला फिल्म दो भाई में, उनका पहला ही गाना सुपरहिट हो गया, आपने भी सुना होगा-मेरा सुंदर सपना बीत गया. इसी फिल्म का एक और गीत था याद करोगे, याद करोगे, एक दिन हमको याद करोगे, वो भी लोगों की जुबां पर चढ़ गया। लोग गीता को बंगाल का जादू कहने लगे.

गुरुदत्त की नजरों में वो तब आईं, जब उनकी फिल्म बाजी के लिए एसडी वर्मन ने साहिर की एक गजल को क्लब सोंग के रूप में उनसे गवाया, बोल थे- तदवीर से बिगड़ी हुई तकदीर बना ले…. फिर तो एसडी वर्मन ने उन्हें कई फिल्मों में मौका दिया, देवदास, सुजाता, कागज के फूल , भाई भाई…. 1951 में बाजी के दौरान गुरुदत्त से मुलाकात दोस्ती में बदली और दोनों ने दो साल के अंदर शादी कर ली, दोनों के तीन बच्चे भी हुए तरुण, अरुण और नीना. लेकिन फिर कई वजहों से दोनों के बीच रिश्ते बिगड़ते चले गए.

साहिब बीबी और गुलाम की कामयाबी के बाद दोनों परिवार के साथ कुछ दिनों की छुट्टी पर कश्मीर चले गए, दोनों को आपस में साथ बिताने का मौका मिला तो भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा हुई. पाली हिल के एक पुराने बंगले में रहते थे वो, अब उसके ड्राइंग रूम में बरसात के दिनों में पानी चूने लगा था, टेरेस भी नहीं था, सो गुरुदत्त को पतंग उडाने के लिए कार्टर रोड पर ज़ॉनी वॉकर के घर जाना पड़ता था. कश्मीर में ही दोनों ने तय किया कि अब उस बंगले को गिराकर एक अपार्टमेंट ब्लॉक बनवाएंगे. जो अब वहां है भी, उस अपार्टमेंट का नाम है सी व्यू पैलेस अपार्टमेंट.

बंगले को गिराने से पहले एक पूजा भी रखी गई. गुरुदत्त का पूरा परिवार पास में ही पाली नाका पर आशीष नाम के अपार्टमेंट ब्लॉक में शिफ्ट हो गए. लेकिन खास तौर पर गीता दत्त बंगले को गिरता देखने के लिए बंगले के बाहर पहुंची थीं. बाद में उन्होंने इसकी खास वजह अपनी करीबी दोस्त ललिता लाजमी को बताई. वजह काफी दिलचस्प थी, जो आम भारतीय महिलाओं जैसी उनको सोच को दिखाती थी.

क्या थी वो वजह? क्या थी बंगले के भूत से गीता दत्त की अदावत, जानने के लिए देखिए विष्णु शर्मा के साथ ये वीडियो स्टोरी–

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