Gangu Ramsay Death: हॉरर फिल्में देने वाले मशहूर सिनेमैटोग्राफर गंगू रामसे का 83 साल की उम्र में निधन

मुंबई: बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए आज दुखद खबर सामने आ रही है. दिग्गज सिनेमैटोग्राफर गंगू रामसे का रविवार, 7 अप्रैल को निधन हो गया. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार गंगू लंबे वक्त से बीमार थे, जिसके बाद उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रविवार को सुबह 8 बजे उन्होंने 83 वर्ष की […]

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Gangu Ramsay Death: हॉरर फिल्में देने वाले मशहूर सिनेमैटोग्राफर गंगू रामसे का 83 साल की उम्र में निधन

Vishal Vishwakarma

  • April 7, 2024 10:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

मुंबई: बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए आज दुखद खबर सामने आ रही है. दिग्गज सिनेमैटोग्राफर गंगू रामसे का रविवार, 7 अप्रैल को निधन हो गया. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार गंगू लंबे वक्त से बीमार थे, जिसके बाद उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रविवार को सुबह 8 बजे उन्होंने 83 वर्ष की अवस्था में इस शरीर को त्याग दिया.

बेहतरीन सिनेमैटोग्राफर थे रामसे

चर्चित रामसे ब्रदर्स में से एक गंगू रामसे प्रसिद्ध सिनेमैटोग्राफर और फिल्म निर्माता एफयू रामसे के दूसरे नंबर के बेटे थे. अपने पिता की ही तरह गंगू बेहतरीन सिनेमैटोग्राफर बने, जिन्होंने सिनेमा वर्ल्ड पर अपनी गहरी छाप छोड़ी. गंगू ने 50 से ज्यादा फिल्मों में सिनेमैटोग्राफी रामसे ब्रदर्स के बैनर तले किया.

इन फिल्मों में गंगू रामसे ने ‘वीराना’, ‘दो गज जमीन के नीचे’, ‘पुराना मंदिर’, ‘बंद दरवाजा’, ‘पुरानी हवेली’, ‘सामरी’, ‘तहखाना’ जैसी कई हॉरर फिल्में बनाई हैं. उन्होंने एक्टर ऋषि कपूर के साथ ‘खोज’ जैसी क्लासिक फिल्म भी किया. फिल्मों के इतर रामसे ब्रदर्स ने टीवी वर्ल्ड में भी अपनी अलग पहचान बनाई. उनका शो ‘द जी हॉरर शो’ काफी चर्चा में रहा था. यह शो साल 1993 से 2001 तक यानी 8 साल तक चला था. इसके अलावा उन्होंने टीवी सीरीज ‘सैटरडे सस्पेंस’, ‘जिम्बों’ और ‘नागिन’ के लिए भी काम किया.

रामसे ब्रदर्स ने संभाली अलग-अलग रेस्पोंसिबिसिटी

एफयू रामसे के 7 बेटे हैं. कुमार रामसे, गंगू रामसे, श्याम रामसे, तुलसी रामसे, अर्जुन रामसे, केशु रामसे और किरण रामसे. इन सातों भाइयों ने रामसे ब्रदर्स में अलग-अलग रेस्पोंसिबिसिटी निभाई. जैसे स्क्रिप्टिंग का काम कुमार रामसे ने संभाला, गंगू रामसे ने सिनेमैटोग्राफी, केशु रामसे ने प्रोडक्शन का काम, अर्जुन रामसे ने संपादन का काम, किरण रामसे ने साउंड का काम और तुलसी रामसे ने भाई श्याम रामसे के साथ मिलकर निर्देशन का काम संभाला।

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