देवआनंद ने ‘बहन’ को ‘बीवी’ बनाकर किया था नंदा पर बड़ा अहसान

जब जब फूल खिले, नींद हमारी ख्वाव तुम्हारे, धरती कहे पुकार के, राजा साहब, शोर, हम दोनों और छलिया जैसी यागदार फिल्में करने वाली बॉलीवुड हीरोइन नंदा के लिए एक समय ऐसा भी था जब उन्हें फिल्मों में केवल बहन और भाभी जैसे रोल मिलते थे. लेकिन देवआनंद ने एक फिल्म में बीबी रोल दिया जिसके बाद उनका नाम बॉलीवुड की टॉप हीरोइंस में शुमार हो गया था.

Advertisement
देवआनंद ने ‘बहन’ को ‘बीवी’ बनाकर किया था नंदा पर बड़ा अहसान

Aanchal Pandey

  • January 8, 2018 1:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः आज की पीढ़ी नंदा को भले ही कम जानती हो लेकिन एक दौर था, जब नंदा बॉलीवुड की टॉप की हीरोइंस में शामिल थीं. जब जब फूल खिले, नींद हमारी ख्वाव तुम्हारे, धरती कहे पुकार के, राजा साहब, शोर, हम दोनों और छलिया जैसी तमाम यादगार फिल्में उनके खाते में हैं. लेकिन एक दौर था जब कोई उनको हीरोइन बनाने के लिए तैयार नहीं था, उनके हिस्से में बहन और भाभी जैसे रोल्स आते थे। ऐसे में देवआनंद ने एक बड़ा रिस्क लिया और बॉलीवुड की इस बहन को बीवी बनाकर हीरोइन के तौर पर बड़े परदे पर उतार दिया, उस फिल्म ने नंदा की किस्मत के दरवाजे खोल दिए और आज उन्हें हीरोइंस में शुमार किया जाता है.

देवआनंद ना होते तो तमाम करेक्टर आर्टिस्ट्स की तरह नंदा भी गुमनामी के अंधेर में गुम हो गई होतीं. नंदा के कैरियर की बॉलीवुड में शुरूआत हुआ चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर, वो बेबी नंदा के नाम से काम करती थीं. जग्गू, अंगारे और बंदिश जैसी फिल्मों में उन्होंने बेबी नंदा के तौर पर ही काम किया था. लेकिन एक दिन जब वो एक पार्टी मे साड़ी पहनकर पहुंची तो मशहूर फिल्ममेकर व्ही शांताराम की नजर उन पर पड़ी. उनको लगा कि ये लड़की अब छोटी नहीं रही. शांताराम ने नंदा को फौरन उसी पार्टी में ही, अपनी अगली फिल्म ‘तूफान और दिया’ में एक रोल ऑफर कर दिया. फिल्म के हीरो थे राजेन्द्र कुमार, नंदा का रोल यूं तो लीड में था लेकिन उस फिल्म में उनका रोल हीरो यानी राजेन्द्र कुमार की बहन का था, उसको बाद तो उन्हें बहन के रोल ही मिलने शुरू हो गए.

कई फिल्मों में उन्होंने बहन के रोल किए, इनमें भाभी, छोटी बहन और काला बाजार जैसी फिल्में शामिल हैं. इनमें से काला बाजार में वो देवआनंद की बहन बनी थीं. काला बाजार पहली ऐसी फिल्म थी जिसमें तीनों आनंद भाइयों देव आनंद, चेतन आनंद और विजय आनंद ने एक साथ एक्टिंग की थी. लेकिन अब नंदा हीरोइन बनना चाहती थीं मगर वो टाइप्ड हो गई थीं, यही बड़ी मुश्किल थी. हालांकि देव आनंद के साथ काला बाजार में काम करते वक्त उनकी देव आनंद से दोस्ती हो गई थी. देव आनंद ने भी दोस्ती का कर्ज चुकाया, बोल्ड डिसीजन लेकर अपनी फिल्म ‘हम दोनों’ में नंदा को बतौर हीरोइन साइन कर लिया. यानी पहली फिल्म 1952 में साइन करने के 9 साल बाद 1961 में परदे पर बतौर हीरोइन नजर आईं.

हालांकि इस फिल्म में देवआनंद का डबल रोल था, और दूसरी हीरोइन के तौर पर साधना भी फिल्म में मौजूद थीं. नंदा के पति देवआनंद की जंग में मौत के बाद दूसरा देवआनंद उसकी जगह लेता है. पूरी फिल्म में नंदा एक गृहणी के तौर पर ही दिखाई गईं हैं, जबकि सारे रोमांटिक सीन और गीत साधने के ही हिस्से में आए थे. लोगों को लगा था कि देव की बहन बनने के बाद उनको कोई हीरोइन के तौर पर पसंद नहीं करेगा. लेकिन फिल्म चल गई और उसके बाद तो नंदा की लॉटरी लग गई, जब जब फूल खिले, गुमनाम और इत्तेफाक जैसी फिल्मों से वो ब़ॉलीवुड में बतौर हीरोइन स्टेबलिश हो गईं.

यह भी पढ़ें- Zee Cine Awards 2018 Video: रणवीर सिंह का जोश तो शाहिद का जबरदस्त परफॉर्मेंस और शाहरुख खान की सुनील ग्रोवर के साथ मस्ती एकसाथ

मशहूर शायर मिर्जा गालिब की आज 220वीं जयंती पर गूगल ने डूडल बनाकर किया सम्मानित

Tags

Advertisement