Advertisement

इसीलिए रखा फिल्म का नाम डार्लिंग्स, देखने से पहले जरूर जानें रिव्यू

मुंबई: आलिया भट्ट कमाल की अभिनेत्री हैं, इस बात में कोई शक नहीं है। शेफाली शाह भी जबरदस्त एक्ट्रेस हैं। ये भी हम सब जानते हैं। वहीं विजय वर्मा भी किरदार को जी लेने वाले कलाकार हैं। ये भी हम सभी को पता है लेकिन क्या इससे डार्लिंग्स एक सफल फिल्म बन पाई? नेटफ्लिक्स की […]

Advertisement
इसीलिए रखा फिल्म का नाम डार्लिंग्स, देखने से पहले जरूर जानें रिव्यू
  • August 5, 2022 4:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई: आलिया भट्ट कमाल की अभिनेत्री हैं, इस बात में कोई शक नहीं है। शेफाली शाह भी जबरदस्त एक्ट्रेस हैं। ये भी हम सब जानते हैं। वहीं विजय वर्मा भी किरदार को जी लेने वाले कलाकार हैं। ये भी हम सभी को पता है लेकिन क्या इससे डार्लिंग्स एक सफल फिल्म बन पाई? नेटफ्लिक्स की इस फिल्म का नाम डार्लिंग्स क्यों रखा गया है। डार्लिंग क्यों नहीं ? दरअसल इसके किरदार हर बात में एक एक्स्ट्रा S बोलते हैं।

फिल्म की कहानी

इस फिल्म की कहानी घरेलू हिंसा के इर्द-गिर्द होती है। आलिया भट्ट यानि बदरुनिसा उर्फ बदरू पर उसका पति विजय वर्मा यानि हमजा मार-पीट करता है। वो सहती है, आलिया की मां शेफाली शाह यानि शमशूनिस उसे ये करने से बहुत रोकती है, लेकिन फिर कुछ ऐसा होता है कि ये पूरा खेल पलट जाता है। जी हाँ अब आलिया, बदरू (अपने पति ) के साथ घरेलू हिंसा करने लगती है। फिर क्या होता है, ये तो फिल्म में देख कर ही आपको पता चलेगा।

एक्टिंग कैसी है ?

देखिए ये फिल्म देखने के बाद आप जरूर कहेंगे बाज की नजर और आलिया की एक्टिंग पर कभी संदेह मत करना, जी हां कभी भी हैरान कर सकती है। आलिया भट्ट ने गजब की एक्टिंग की है। फिल्म को देसी मुंबई स्टाइल में बनाया गया है। उस बोली को आलिया ने खूब पकड़ा है।बात करें शेफाली शाह की तो उन्होंने अपने किरदार को जबरदस्त तरीके से अदा किया है। विजय वर्मा ने ग्रे शेड के किरदार को ऐसे निभाया है कि आप उन्हें हमजा मानने पर मजबूर हो जाएंगे। फिल्म में सभी की एक्टिंग बेहतरीन है।

फिल्म को डार्क कॉमेडी कहा गया था लेकिन इसमें कॉमेडी काफी कम है। फिल्म की स्क्रीनप्ले में थोड़ी परेशानी है। फिल्म में चीजें बार बार रिपीट की गई है। आपको लगेगा की एक ही चीज बार बार क्यों दिखा रहे हैं। फिल्म आपको बांधती तो है लेकिन सिर्फ आलिया विजय और शेफाली की अभिनय से। उनके किरदारों में आपको जान नजर आती है लेकिन कहानी कहने का तरीका काफी कमजोर है।

फिल्म का निर्देशन

इस फिल्म का निर्देशन जसमीत के रीन द्वारा किया गया है। ये उनकी पहली फिल्म है। उन्होंने निर्देशन तो अच्छा किया है लेकिन कहानी में दम नहीं है। इस फिल्म की कहानी भी जसमीत ने परवेज शेख के साथ मिलकर लिखी है। अगर स्क्रीनप्ले पर मेहनत होती तो फिल्म मजेदार होती। फिल्म का म्यूजिक विशाल भारद्वाज ने दिया है और म्यूजिक काफी अच्छा है।अरिजीत सिंह की आवाज में लाइलाज गाना आपके दिल को जीत लेगा।

फिल्म घरेलू हिंसा की बात करती है लेकिन महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा पर सवाल उठाते उठाते ये पुरुषों के खिलाफ हिंसा दिखाने लगती है और इसी कारण से इस फिल्म के बॉयकॉट की मांग भी उठने लगी थी। हालांकि ये मांग आजकल हर दूसरी फिल्म के लिए उठ रही है।

 

Vice President Election 2022: जगदीप धनखड़ बनेंगे देश के अगले उपराष्ट्रपति? जानिए क्या कहते हैं सियासी समीकरण

Advertisement