नई दिल्ली : दादा साहेब फाल्के पुरस्कार को हिंदी सिनेमा जगत के सबसे बड़े पुरस्कार के तौर पर देखा जाता है. हर वर्ष इस अवॉर्ड से उस एक कलाकार को सम्मानित किया जाता है जिसने हिंदी सिनेमा जगत में अविस्मरणीय योगदान दिया है. आज तक सिनेमा जगत के कई दिग्गज कलाकार इस पुरस्कार को अपने […]
नई दिल्ली : दादा साहेब फाल्के पुरस्कार को हिंदी सिनेमा जगत के सबसे बड़े पुरस्कार के तौर पर देखा जाता है. हर वर्ष इस अवॉर्ड से उस एक कलाकार को सम्मानित किया जाता है जिसने हिंदी सिनेमा जगत में अविस्मरणीय योगदान दिया है. आज तक सिनेमा जगत के कई दिग्गज कलाकार इस पुरस्कार को अपने नाम कर चुके हैं.
भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहेब फाल्के ने 1913 में पहली भारतीय फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनाकर भारतीय फिल्म जगत की शरूआत की थी. उनकी याद में, भारत सरकार ने साल 1969 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत की थी. इस साल ये पुरस्कार एवर ग्रीन अभिनेत्री आशा पारेख को दिया जाएगा. इस साल(2022) आशा पारेख 52वी हस्ती होंगी जिन्हें ये पुरस्कार दिया जाएगा. आइए आपको बताते हैं आशा भोसले से पहले किन हिंदी सिनेमा के दिग्गजों के नाम ये सम्मान रहा. हिंदी सिनेमा की अभिनेत्री देविका रानी को सबसे पहला दादा साहेब पुरस्कार दिया साल 1969 में दिया गया था. जिसके बाद निम्न कलाकारों ने इस सम्मान को अपने नाम किया.
पृथ्वीराज कपूर – हिंदी सिनेमा 1971 (19th)
रूबी मायर्स (सुलोचना) हिन्दी 1973 (21वां)
सौरभ मोदी 1979 (27th)
नौशाद 1981 (29th)
राज कपूर 1987 (35th)
अशोक कुमार 1988 (36th)
लता मंगेशकर 1989 (37th)
मजरूज सुल्तानपुरी 1993 (41st)
दिलीप कुमार 1994 (42nd)
कवी प्रदीप 1997 (45th)
बी आर चोपड़ा 1998 (46th)
हृषिकेश मुख़र्जी 1999 (47th)
आशा भोषले 2000 (48th)
यश चोपड़ा 2001 (49th)
देव आनंद 2002 (50th)
श्याम बघेल 2005 (53rd)
वी के मूर्ति 2008 (56th)
गुलज़ार 2013 (61st)
शशि कपूर 2014 (62nd)
मनोज कुमार 2016 (64th)
विनोद खन्ना 2017 (65th)
अमिताभ बच्चन 2018 (66th)
रजनीकांत 2019 (67th)
आशा पारेख 2022 (68th)
गुजरे जमाने की अभिनेत्री आशा पारेख का फिल्मी सफर यूं तो बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट शुरू हुआ लेकिन उन्होंने अपने समय में हिंदी फिल्म जगत को ऐसे-ऐसे मास्टरपीस दिए हैं जिसे दुनिया हमेशा याद रखेगी. बता दें, उन्होंने अपने करियर में 95 से अधिक फिल्में दी हैं. उनेक सफर की शुरुआत 1952 में आई फिल्म “आसमान” से एक बाल कलाकार के रूप में हुई थी. उस समय उनकी उम्र महज 10 साल की थी. इसके बाद उन्होंने सिनेमा के जादू को अपनी अदायगी में कायम रखते हुए ऐसी फिल्मों का उपहार सौंपा जिसे सदियों तक देखा जाएगा.
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