मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत पर मीडिया ने अलग अलग एंगल की खबरें बनाकर टीआरपी बटोरी. सभी मीडिया चैनलों ने अपने-अपने हिसाब से उनकी मौत का 'तमाशा' बनाना शुरू कर दिया. चैनलों से फॉरेंसिक रिपोर्ट आने तक का सब्र नहीं किया गया और अपने हिसाब से इसे श्रीदेवी मर्डर मिस्ट्री करार दिया.
नई दिल्ली: रूप की रानी कही जाने वाली बॉलीवुड की चांदनी बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गई. अपनी खूबसूरत मुस्कान के सबके दिलों पर राज करने वाली श्रीदेवी इतनी जल्दी जुदाई का सदमा दे जाएंगी शायद कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा. शनिवार को दुबई के एक होटल के बाथरूम में बाथटब में डूबने से उनकी मृत्यु हो गई थी फिर तीन दिन की कानूनी प्रक्रिया के बाद उनके शव को दुबई से भारत लाया जा सका. इस बीच उनकी मौत को लेकर कई एंगल सामने आए. मीडिया ने उनकी मौत के कई एंगल दिखाकर खूब टीआरपी बटोरी. फॉरेंसिक रिपोर्ट आने से पहले ही मीडिया ने खुद ही उनकी मौत को मर्डर मिस्ट्री करार दे दिया.
श्रीदेवी की मौत से लेकर उनके शव के भारत आने तक की इस संवेदनशील घटना को मीडिया ने टीआरपी के लिए अपनी तरह से दिखाया. सबसे खास बात तो यह रही कि जब फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद जब मीडिया को अपने सभी दावे फेल होते नजर आए तो सब एक दूसरे पर ही आरोप-प्रत्यारोप जड़ते नजर आए. जब तमाम न्यूज चैनलों को लगा कि श्रीदेवी की मौत पर दिखाए एंगल से उनकी किरकिरी हो रही है तो सब के सब चैनल अपनी ही रिपोर्ट पर पलटी मारते नजर आए. साथ ही एक न्यूज चैनल ने दूसरे न्यूज चैनल पर यह कहकर तंज कसना शुरू कर दिया कि मीडिया ने बहुत जल्दबाजी की वहीं सोशल मीडिया पर लोग भी बोलने लगे, बस करो इंडियन मीडिया.
गौर करने की बात है कि जैसे ही श्रीदेवी के निधन की खबर आई सभी मीडिया चैनलों ने अपने-अपने हिसाब से उनकी मौत का ‘तमाशा’ बनाना शुरू कर दिया. चैनलों से फॉरेंसिक रिपोर्ट आने तक का सब्र नहीं किया गया. मीडिया जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है. शर्म की बात है कि आज उसने टीआरपी पाने के लिए सारी हदें पार कर दीं. मीडिया का फर्ज है कि घटना को बिना नमक-मिर्च लगाए उसी रूप में प्रस्तुत करे लेकिन आज मौत जैसी संवेदनशील घटनाएं भी बिना तड़के के नहीं दिखाई जाती कुछ ऐसा हुआ बॉलीवुड की अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत की खबर के साथ.
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बॉलीवुड की अभिनेत्री श्रीदेवी मौत एक बड़ी खबर थी लेकिन इसका मतलब ये कतई भी नहीं था कि दूसरे संवेदनशील मुद्दों का प्रसारण ही बंद कर दिया जाए. श्रीदेवी के मौत की खबर क्या आई पीएनबी घोटाला, ओबीसी घोटाला, सीरिया में बच्चों को मौत जैसे बाकी सभी मुद्दों का कोई महत्व ही नहीं रह गया. जो मीडिया पीएनबी मीडिया पर शोर मचा रहा था श्रीदेवी की मौत की खबर के बाद तो घोटाले पर मीडिया की ऐसी जुबान बंद हुई जैसे 11 सौ करोड़ के घोटाले की रकम वापस आ गई हो. श्रीदेवी की मौत को खबर दिखाने की होड़ में ना केवल उनके परिवार की भावनाओं से खेला गया बल्कि एक बार फिर मीडिया का ऐसा चेहरा सामने आया जिस पर केवल टीआरपी की भूख दिखती है.
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