September 17, 2024
  • होम
  • इस ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हुई फिल्म छेलो शो, जल्द देखें मूवी

इस ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हुई फिल्म छेलो शो, जल्द देखें मूवी

  • WRITTEN BY: Ayushi Dhyani
  • LAST UPDATED : November 25, 2022, 7:33 pm IST

मुंबई: ऑस्कर अवॉर्ड्स 2023 के लिए भारत की ऑफिशियल एंट्री गुजराती फिल्म छेलो शो हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। फिल्म को दर्शकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिला। अब दर्शक फिल्म की ओटीटी रिलीज का इंतजार कर रहे हैं। इस फिल्म का निर्देशन पैन नलिन ने किया है और इस फिल्म ने ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए चुने जाने की रेस में एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर और विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स को भी पछाड़ दिया है। आज यानी 25 नवंबर को फिल्म ओटीटी पर रिलीज हो चुकी हैं।

इस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम होगी फिल्म

आपको बता दें फिल्म छेलो शो फिल्म डायरेक्टर पान नलिन की बायोपिक भी है, जिसमें उनके बचपन की कहानी को दर्शाया गया है। फिल्म 25 नवंबर को हिंदी और गुजराती भाषा में नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो चुकी है। इस बात की जानकारी देते हुए नेटफ्लिक्स ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा – 95वें ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए बेस्ट फीचर फिल्म कैटेगरी में भारत की ओर से ऑफिशियल तरीके से जाने वाली फिल्म ‘ छेलो शो; अब हिंदी और गुजराती में नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं। आपको बता दें फिल्म छेलो शो फिल्म डायरेक्टर पान नलिन की बायोपिक भी है, जिसमें उनके बचपन की कहानी को दर्शाया गया है। फिल्म 25 नवंबर को हिंदी और गुजराती भाषा में नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होगी।

फिल्म की कहानी

छेल्लो शो समय नाम के एक लड़के की कहानी है, जो रेलवे स्टेशन पर चाय बेचता है। उसके पिता की स्टेशन पर चाय की दुकान है। समय कास्टेशन के पीछे थोड़ी ही दूरी पर खेतों के बीच एक कच्चा मकान है, जिसमें उसका पूरा परिवार रहता है।

समय को फ़िल्में देखने का बेहद शौक होता है वहीं उसके पिता को फिल्मों से नफरत होती है। लेकिन एक दिन उसे पता चलता है कि उसके पापा सबको फिल्म दिखाने शहर लेकर जा रहे हैं। तो उसे पता चलता है कि यह एक धार्मिक फिल्म है इसलिए वह लोग फिल्म देखने शहर जा रहे हैं। थिएटर में समय के पिता उसे बताते हैं कि फिल्में देखना सही नहीं है इसलिए यह उसके जीवन का पहला और आखिरी शो है, जिसे वो देखने आए हैं।
लेकिन समय के लिए फिल्म देखने का यह पहला और आखिरी अनुभव उसकी पूरी जिंदगी बदल देता है। यहीं से शुरू होती है फिल्म की दिलचस्प कहानी। कहनी कई लेयर्स खोलती है और हर एक लेयर एक नई तरह की कहानी लेकर आती है। जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है वैसे-वैसे आपको समझ में आएगा कि समय की कहानी सिनेमाघरों से जुड़ी है।

समय को कहानियां सुनना और सुनाना बहुत पसंद होता है। वह स्टेशन पर चाय बेचने के बाद पटरियों पर घूम-घूमकर माचिस की डिब्बियां बीन कर डिब्बियों पर बने चित्रों के जरिए एक कहानी तैयार करता है जिसे वो अपने साथियों को सुनाता है। लेकिन जब समय थिएटर में फिल्म देखने जाता है तो उसे सिनेमाघर की उस तकनीक से अलग तरह का जुड़ाव हो जाता है। वहीं कहानी पूरी जानने के लिए तो आपको फिल्म देखनी होगी।

 

Russia-Ukraine War: पीएम मोदी ने पुतिन को ऐसा क्या कह दिया कि गदगद हो गया अमेरिका

Raju Srivastava: अपने पीछे इतने करोड़ की संपत्ति छोड़ गए कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव

Tags

विज्ञापन

शॉर्ट वीडियो

विज्ञापन