मुंबई: अगर हम फिल्मी दुनिया की बात करें तो चाहे वह बॉलीवुड हो या टीवी की दुनिया यहां स्क्रीन पर उस को ज्यादा इम्पोर्टेंस है प्रसिद्धि मिलती है जो लीड एक्टर के रोल में होता है. मतलब कि सुंदर चेहरा और स्क्रीन पर ज्यादा मौजूदगी के चलते कोई हीरो बन जाता है जबकि बहुत से […]
मुंबई: अगर हम फिल्मी दुनिया की बात करें तो चाहे वह बॉलीवुड हो या टीवी की दुनिया यहां स्क्रीन पर उस को ज्यादा इम्पोर्टेंस है प्रसिद्धि मिलती है जो लीड एक्टर के रोल में होता है. मतलब कि सुंदर चेहरा और स्क्रीन पर ज्यादा मौजूदगी के चलते कोई हीरो बन जाता है जबकि बहुत से ऐसे ऐसे भी लोग होते हैं जो सबकुछ और कड़ी मेहनत करने के बाद भी हीरों नहीं बन पाता. ऐसे ही हाल हैं हमारी फिल्मी दुनिया के जहां करेक्टर आर्टिस्ट्स और आर्टिस्ट का. कैरेक्टर आर्टिस्टों (Character Artist) के साथ किये जाने गलत व्यवहार की वजह से पंचायत की इस एक्ट्रेस ने फिल्मी दुनिया को अलविदा कहने का मन बना लिया था. हम बात कर रहे हैं पंचायत और गुल्लक जैसे टीवी सीरियलों में दमदार रोल निभाने वाली सुनीता राजवार की.
सुनीता राजवार ने एक टीवी इस बात का खुलासा किया कि जिसे पढ़कर आप भावुक हो जाएंगे. इस इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि शोबिज की दुनिया में लीड एक्टर्स के साथ राजाओं की तरह व्यवहार होता है जबकि कैरेक्टर आर्टिस्ट के साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता है. ठीक यही हालत टीवी इंडस्ट्री की भी है. एक्ट्रेस ने कहा कि छोटे मोटे रोल करने वाले और साइड रोल करने वाले लोगों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता है. जिसकी वजह से उन्होंने ने इंडस्ट्री को उन्होंने 2 साल तक छोड़ दिया था.
सुनीता राजवार ने बताया कि सपोर्टिंग एक्टर्स के साथ भी भेदभाव किया जाता है. उन्होंने कहा कि लीड एक्टर को ढेर सारे फायदे और पर्क्स मिलते हैं वहीं सपोर्टिंग एक्टरों को अपने भत्तों तक के लिए संघर्ष करना पड़ता है. इंडस्ट्री में एक्टर को उनकी सहूलियत के हिसाब से कॉल टाइम दिया जाता है जबकि कैरेक्टर आर्टिस्ट (Character Artist) के साथ ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है. सपोर्टिंग, कैरेक्टर करने वालों के साथ मजबूरी यह होती है क्योंकि उनको जीवन चलाना होता है इसलिए वह समझौता कर लेते हैं.
कैरेक्टर आर्टिस्ट को नहीं दी जाती है सुविधाएं
सुनीता राजवार ने बताया कि जब साइड रोल करने वालों की जरुरत नहीं होती है तो कम से कम उनको शूट पर नहीं बुलाना चाहिए. लेकिन उनको बुलाकर बिलावजह ही बिठाकर रखा जाता है. उन्होंने कहा कि उनको ऐसा लगता है कि कैरेक्टर आर्टिस्ट (Character Artist) करने वालों को नीचा दिखाने के लिए ऐसा किया जाता है. जबिक लीड एक्टर्स को काफी दुलार किया जाता है. कमरे में उनके सफाई होती है, वहां फ्रिज और माइक्रोवेव तक होते हैं. जबकि कैरेक्टर आर्टिस्ट के कमरे छोटे और बदबूदार होते हैं. एक ही कमरे में तीन से चार लोग रहते हैं, ये देखकर मुझे काफी दुख होता है. यह सब देखकर उन्होंने एक्टिंग छोड़ने का फैसला कर लिया था.
ये भी पढ़ें- Adrishyam: दिव्यांका त्रिपाठी-एजाज खान की वेब सीरीज का नया पोस्टर हुआ रिलीज़