संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत पर जहां एक ओर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है वहीं दूसरी ओर इस विवाद के लपेटे में सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी भी आ गए हैं. दरअसल 'पद्मावत' की रिलीज के खिलाफ दाखिल प्रत्यावेदन यानि रिप्रेजेंटेशन पर फैसला न लेने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है. बता दें कि पद्मावती 25 जनवरी को रिलीज हो रही है. पद्मावत में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर अहम भूमिका में हैं.
मुंबई: बॉलीवुड फिल्म ‘पद्मावत’ की रिलीज के खिलाफ दाखिल प्रत्यावेदन यानि रिप्रेजेंटेशन पर फैसला न लेने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है. इतनी ही नहीं कोर्ट ने प्रसून जोशी को तीन हफ्ते के अंदर नोटिस का जवाब दाखिल करने को कहा है. कामता प्रसाद सिंघल नामक व्यक्ति की ओर से दायर एक अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति महेंद्र दयाल की एकल पीठ ने प्रसून जोशी के खिलाफ यह नोटिस जारी किया है. जबकि केस की अगली सुनवाई 12 फरवरी को की जाएगी.
कामता प्रसाद सिंघल की ओर से कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया था कि विवादों से घिरी फिल्म को रिलीज करने से रोकने के लिए पूर्व में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 9 नवंबर याचिका तो खारिज कर दी थी, लेकिन साथ ही याचिकाकर्ता को सिनेमैटोग्राफ सर्टिफिकेशन रूल्स 1983 के नियम 32 के तहत सेंसर बोर्ड के सामने अपना प्रत्यावेदन पेश करने की इजाजत दी.
वहीं याचिकाकर्ता का आरोप है कि उसने सेंसर बोर्ड के सामने 13 नम्वबर 2017 को अपना प्रत्यावेदन पेश किया था, लेकिन कोर्ट द्वारी दिए गए तीन हफ्तों के वक्त के बावजूद उन्हें अभी तक प्रसून जोशी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. वहीं याचिकाकर्ता का कहना था कि यह फिल्म ‘पद्मावत’ सती प्रथा को बढ़ावा देने वाली है जबकि सती प्रथा को बढ़ावा देना क्राइम की कैटेगरी में आता है.
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https://youtu.be/8YaF2m7hCx0