मुंबई: 5 साल से लोग जिस फिल्म का इंतजार कर रहे हैं, आखिर वो दिन आ ही गया और ये फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। तो क्या अयान मुख़र्जी की सालों की मेहनत रंग लाई। ऐसी ही कई सवाल होंगे दर्शकों के मन में, उन सारे सवालों के जवाब जानने के लिए ये रिव्यू […]
मुंबई: 5 साल से लोग जिस फिल्म का इंतजार कर रहे हैं, आखिर वो दिन आ ही गया और ये फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। तो क्या अयान मुख़र्जी की सालों की मेहनत रंग लाई। ऐसी ही कई सवाल होंगे दर्शकों के मन में, उन सारे सवालों के जवाब जानने के लिए ये रिव्यू जरूर पढ़ें।
सबसे पहले अगर कोई फिल्म अच्छी होती है, तो वो अपनी कहानी के कारण होती है। दर्शक फिल्म में कहानी से कनेक्ट होते हैं, ना कि उसके बजट से। माना कि ब्रह्मास्त्र का बजट 410 करोड़ है, लेकिन सच कहूं तो अयान मुख़र्जी ने यहां पर थोड़ी लापरवाही बरती हैं। उन्होंने फिल्म में पैसों का इस्तेमाल सहीं से नहीं किया है। फिल्म में कमाल का वीएफएक्स हैं, लेकिन कहानी हजम नहीं हुई। जैसे हमारा काम था इस टॉपिक में आपको फिल्म की कहानी बताना, और हम उसके वीएफएक्स के बारें में बात करने लगें, ठीक इसी तरह ब्रह्मास्त्र की कहानी है। जी हाँ! ब्रह्मास्त्र की कहानी में रणबीर और आलिया की लव स्टोरी पर फोकस किया गया है, और दर्शकों को अस्त्रों में उलझाया गया है।
कहानी की शुरुआत होती है, अमिताभ बच्चन की शानदार आवज से। फिर आता हैं सबको हैरान कर देने वाला शाहरुख़ खान का कैमियो। इस बात पर तो अयान मुख़र्जी की तारीफ़ करनी होगी कि उन्होंने शाहरुख़ खान का बराबर यूज़ किया है। फिल्म में शाहरुख़ ने वैज्ञानिक की भूमिका निभाई है, साथ ही वह अस्त्र के रक्षक हैं, वानर अस्त्र। वहीं दूसरी ओर रणबीर यानी शिवा अपनी शक्तियों से अंजान दुर्गा मां के पंडाल में मौजूद होते हैं। फिर उनकी नजर ईशा यानी आलिया पर पड़ती है। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती हैं।
वहां शाहरुख़ दुश्मनों के घेरे में होते हैं, फिर कुछ ऐसा होता है कि शाहरुख़ सुसाइड कर लेते हैं। आखिर शाहरुख़ क्यों सुसाइड करते हैं, अब ये जानने के लिए तो आपको फिल्म देखनी होगी। फिल्म में आपको बताया जाएगा कैसे रणबीर को अपनी शक्तियों के बारें में पता चलेगा। कैसे वो ब्रह्मांड के रक्षक बनेंगे। ये फिल्म प्यार की ताकत को दर्शाती है।
सभी अपने किरदार में परफेक्ट हैं। रणबीर ने शिवा का किरदार बखूबी निभाया है। आपको एक पल के लिए भी स्क्रीन पर रणबीर नजर नहीं आएंगे। आपको लगेगा आप सच में शिवा को देख रहे हैं। वहीं आलिया की बात करें तो वो फिल्म में न के बराबर थीं। अगर वो फिल्म में नहीं होती तो भी कुछ ख़ास फर्क नहीं पड़ता। आलिया का किरदार ईशा एक कमजोर किरदार है।
वहीं अमिताभ बच्चन ने फिल्म में गुरु की भूमिका निभाई हैं। उनकी शानदार आवाज फिल्म की रूह है। अमिताभ बच्चन ने अपनी एक्टिंग का सही इस्तेमाल किया है। इस बात की गारंटी है कि अमिताभ के स्क्रीन पर आते ही आप इन अस्त्रों की दुनिया में यकीन करने लग जाएंगे।
नागार्जुन ब्रह्मास्त्र के रक्षक नन्दी अस्त्र हैं। जिनके पास 10 हजार नन्दियों की शक्ति है। इनका अभिनय एवरेज है। वहीं शाहरुख़ खान के कैमियो ने फिल्म में चार चाँद डाले है। बात करें मौनी रॉय की तो वे जुनून के किरदार में परफेक्ट थीं। उन्होंने बहुत ही चालाकी से इस फिल्म में अपने अभिनय का जादू छोड़ा है। इतने बड़े सुपरस्टार्स के बीच भी आप मोनी रॉय को इग्नोर बिल्कुल नहीं कर पाएंगे।
फिल्म के डायलॉग कुछ खास नहीं हैं आपको लगेगा आप कोई नाटक देख रहे हैं। जिसमें दो प्रेमी एक-दूसरे से एक ही शब्द बोले जा रहे हैं। कहीं कहीं फिल्म में शुद्ध हिंदी का इस्तेमाल किया गया है, जिससे आपको ये फिल्म कोई डबिंग फिल्म लगेगी। अगर मूवी में आम भाषा को ज्यादा महत्व दिया जाता तो दर्शक फिल्म से आसानी से जुड़ पाते।
इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि फिल्म के गानें परफेक्ट हैं। अरिजीत सिंह की आवाज और प्रीतम का म्यूजिक सचमुच कमाल है। लेकिन कहीं न कहीं फिल्म में गानें कहानी को ख़राब करते दिखते हैं। जहां दर्शक फिल्म से थोड़ा कनेक्ट कर पाते हैं, वहीं फिल्म में गाना शुरू हो जाता है।
कुल मिलाकर अगर आप रणबीर-आलिया के लिए फिल्म देखने जाएंगे तो आपके हाथ निराशा लगेगी। लेकिन अगर आप एक अच्छी फिल्म देखना चाहते हैं तो आप ब्रह्मस्त्र देख सकते हैं। अयान ने ये फिल्म बनाकर बहुत बड़ा रिस्क लिया है। ब्रह्मस्त्र को बेकार कहना भी सही नहीं है। फिल्म में कुछ नया दिखाने की कोशिश की गई है। फिल्म का लास्ट सीन थोड़ा निराश जरूर करेगा। लेकिन अगले सीजन का इंतजार करने के लिए मजबूर कर देगा। वैसे आपको एक बार फिल्म जरूर देखनी चाहिए। फिल्म 2 मिनट भी आपको बोर नहीं होने देगी।
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