October 18, 2024
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बिहार के इन जिलों में होगी इंटरनेट सेवाएं बंद, बिहार सरकार ने दिया आदेश

बिहार के इन जिलों में होगी इंटरनेट सेवाएं बंद, बिहार सरकार ने दिया आदेश

  • WRITTEN BY: Ayushi Dhyani
  • LAST UPDATED : June 17, 2022, 8:13 pm IST
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पटना : सेना में भर्ती की नई स्कीम ‘अग्निपथ योजना’ का विरोध शुक्रवार को भी जारी है. सुबह-सुबह ही यूपी-बिहार में कई ट्रेनों को फूंक दिया गया, वहीं अब अग्निपथ प्रदर्शन की आग बढ़ते-बढ़ते बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, राजस्थान और उत्तराखंड से होते हुए दिल्ली तक पहुंच चुकी है. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने अग्निपथ स्कीम के विरोध में चल रहे उग्र प्रदर्शन के चलते मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया हैं।

बिहार के 12 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद की जाएंगी। ये आदेश अगले 48 घंटों के लिए जारी रहेगा.उपद्रवियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से अब बिहार सरकार ने बिहार के कई जिलों में इंटरनेट सेवा को बंद करने का फैसला लिया है. कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, बक्सर, नवादा, पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली और सारण में इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश जारी किया गया हैं.

गृह विभाग के आदेश के अनुसार 18 जून को विभिन्न पार्टियों द्वारा बुलाए गए बंद के मद्देनजर राज्य सरकार ने 12 जिलों में फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप समेत 22 साइट और एप्स पर अगले दो दिन तक किसी तरह का मैसेज आना-जाना दो दिन के लिए बंद कर दिया है.

स्कीम का विरोध क्यों कर रहे युवा?

बिहार समेत कई राज्यों के छात्र अग्निपथ स्कीम के नियमों पर नाराज हैं, उनका कहना है कि अग्निपथ स्कीम में चार साल के कॉन्ट्रैक्ट में सेना में भर्ती किया जाएगा. फिर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) दे दी जाएगी और ग्रैजुटी या पेंशन जैसे लाभ भी नहीं मिलेंगे जो कि उनकी नजर में ठीक नहीं है.

देश में अग्निपथ स्कीम को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र बेहद गुस्से में नजर आए. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि हम सेना में जाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं. इसे चार साल के लिए सीमित कैसे किया जा सकता है? जिसमें ट्रेनिंग के दिन और छुट्टियां भी शामिल हों? सिर्फ तीन साल की ट्रेनिंग के बाद हम देश की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं? सरकार को इस स्कीम को वापस लेना चाहिए या इसमें बदलाव करने चाहिए. वहीं, अन्य लोगों का ये भी कहना है कि वे चार साल के बाद काम करने कहां जाएंगे? चार साल की सर्विस के बाद वे लोग बेघर हो जाएंगे. इसलिए वे लोग सड़कों पर उतरे हैं. प्रदर्शनकारी ने कहा कि देश के नेताओं को समझना होगा कि जनता जागरूक है.

 

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