कोलकाता। वयोवृद्ध बंगाली फिल्म डायरेक्टर तरुण मजूमदार का सोमवार सुबह कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वह 91 वर्ष के थे और वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। प्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर लंबे समय से किडनी से संबंधित बीमारी से पीड़ित थे और उन्हें 14 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद शनिवार की देर रात उनकी हालत बिगड़ गई और फिर उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखना पड़ा। मिली जानकारी के मुताबिक, जिंदगी और मौत से लड़ाई लड़ते-लड़ते मजूमदार ने आज सुबह करीब 11:15 बजे दम तोड़ दिया।
पद्म श्री से किया गया सम्मानित
तरुण मजूमदार को 1990 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने करियर में चार राष्ट्रीय पुरस्कार और पांच फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते हैं, जिसमें 2021 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी शामिल है। तरुण मजूमदार ने वर्ष 1985 में अलोर पीपाशा में बसंत चौधरी के साथ फिल्म उद्योग में एक निर्देशक के रूप में शुरुआत की थी. मजूमदार की कुछ उल्लेखनीय कृतियों में बालिका बधू (1976) कुहेली (1971) श्रीमान पृथ्वीराज (1972) और दादर कीर्ति (1980) भी शामिल हैं।
अपनी फिल्मों के लिए ऐसा सोचते थे
अपनी फिल्मों के बारे में बात करते हुए इससे पहले 2015 में तरुण मजूमदार ने कहा था “मैं हमेशा रिश्तों और मूल्यों से प्रभावित रहा हूँ। मुझे लगता है कि आदमी की तलाश एक बेहतर इंसान बनने की होती है। मुझे लगता है कि मैं परिवेश को बेहतर ढंग से समझता हूँ और इसलिए सेल्युलाइड पर विभिन्न तरीकों से इसकी व्याख्या करता हूँ.”