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Batla House Shootout Real Story Vs John Abraham Movie Trailer: असली एनकाउंटर से कुछ अलग सी है डीसीपी संजीव यादव बने जॉन अब्राहम की बाटला हाउस फिल्म का ट्रेलर, शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की सेकेंड भर की झलक

Batla House Shootout Real Story Vs John Abraham Movie Trailer: जॉन अब्राहम और निखिल आडवाणी की बाटला हाउस का ट्रेलर आ चुका है. बाटला हाउस के 2 मिनट 55 सेकेंड लंबे ट्रेलर में जो चीज खोजे से नहीं मिल पा रही है वो है इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा की कहानी. दिल्ली के जामिया इलाके में जाकिर नगर के बाटला हाउस एनकाउंटर के असली हीरो और शहीद पुलिस इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा की कद्र भर झलक नहीं है जबकि डीसीपी संजीव यादव को फुल फोकस और फुटेज दिया गया है जो मुठभेड़ की शुरुआत में मौके पर थे भी नहीं. ऐसा नहीं है कि मोहनचंद शर्मा ट्रेलर में दिखे नहीं हैं लेकिन करीब करीब तीन मिनट के ट्रेलर में उनको तीन सेकेंड भी खड़े होने को नहीं दिया गया है और कुल जमा तीन बार पलक झपकने जैसी झलक दिखाई गई है. फिल्म में जॉन अब्राहम डीसीपी संजीव यादव बने हैं जबकि रवि किशन मोहनचंद शर्मा.

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Batla House Shootout Inspector Mohan Chand Sharma DCP Sanjeev Yadav Original Story Vs John Abraham Ravi Kishan Movie Trailer
  • July 10, 2019 7:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

मुंबई. जॉन अब्राहम और निखिल आडवाणी की बाटला हाउस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है. बाटला हाउस का ट्रेलर और बाटला हाउस एनकाउंटर की असली कहानी में कम से कम एक दिक्कत है. वो ये कि ट्रेलर में जामिया जाकिर नगर बाटला हाउस मुठभेड़ में शहीद दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है. 2.55 मिनट के ट्रेलर में मुठभेड़ के वक्त एसीपी रहे डीसीपी संजीव यादव पर पूरा फोकस है और फोकस इस बात पर ज्यादा लग रहा है कि मुठभेड़ पर कैसे सियासत हुई और कैसे पुलिस टीम ने विभागीय जांच, मानवाधिकार जांच और कोर्ट वगैरह से निजात पाई. फिल्म है तो कहानी को फिल्मी बनाने की छूट है लेकिन बाटला हाउस मुठभेड़ पर कोई फिल्म बने और उस फिल्म का तीन मिनट का ट्रेलर आए और उसमें इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा को तीन सेकेंड भी नहीं दिखाया जाए तो ये बड़ी दिक्कत है.

फिल्म में डीसीपी संजीव यादव का रोल जॉन अब्राहम निभा रहे हैं जबकि भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन को इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा का रोल मिला है. तीन मिनट से पांच सेकेंड कम लंबे ट्रेलर में डीसीपी बने जॉन अब्राहम पूरी तरह छाए हुए हैं जो बाटला हाउस एनकाउंटर की शुरुआत में मौके पर नहीं थे और शुरू में ही आतंकियों की गोली से शहीद हो गए इंस्पेक्टर का रोल कर रहे रवि किशन को पलक झपकने वाले तीन झलक मिले हैं. फिल्म स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त को रिलीज हो रही है जो मौका और माहौल के हिसाब से इस फिल्म के लिए सही मार्केट स्पेस है. लेकिन ट्रेलर की तरह अगर फिल्म में भी मोहनचंद शर्मा की भूमिका झटके की तरह कुछ मिनटों में निपटा दी गई तो ये बाटला हाउस के हीरो के साथ नाइंसाफी होगी.

वो मोहनंचद शर्मा ही थे जिन्होंने दिल्ली में 13 सितंबर के धमाकों में 26 लोगों की मौत के बाद गुजरात और मुंबई से जुटाई गई सूचनाओं के आधार पर जाकिया नगर में रेड किया था. सूचना का सार ये था कि बाटला हाउस के आतिफ अमीन नाम के आदमी और बिना आगे की दांत के हुलिया वाले इंडियन मुजाहिदीन के टॉप कमांडर बशीर में कुछ संबंध है या दोनों एक ही हैं जिनका इन धमाकों के साथ-साथ अहमदाबाद में 26 जुलाई को हुए धमाकों में भी हाथ था.

Batla House Shootout Encounter Case Original Story: क्या है बाटला हाउस मुठभेड़ की सच्ची कहानी, क्यों जामिया के जाकिर नगर गए और कैसे आतंकियों की गोली से शहीद हुए थे इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा

मोहनचंद शर्मा के साथ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार और हेड कांस्टेबल बलवंत राणा भी गए थे. टीम के प्लान के हिसाब से धर्मेंद्र कुमार को आतिफ अमीन का घर वोडाफोन का एजेंट बनकर खुलवाना था और वो टाई-कोट पहनकर गए थे. लेकिन अंदर से आ रही आवाजों के बाद धर्मेंद्र को कुछ अंदेशा हुआ और उन्होंने बैक-अप कवर मांगा. इसके बाद इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा ने मोर्चा संभाल लिया. फिर जो हुआ उसे ही बाटला हाउस एनकाउंटर कहा गया. शर्मा को गोली लगी जो अगले दिन शहीद हो गए. बलवंत राणा भी घायल हुए. पहली मुठभेड़ के बाद डीसीपी संजीव यादव कवर करने पहुंचे और तब एनकाउंटर आगे बढ़ा. दो आतंकी मारे गए. दो पकड़े गए. एक भाग गया. जो पकड़े गए उनके बताने के आधार पर दो और पकड़े गए. एक अब भी फरार है. 2013 में शहजाद अहमद नाम के आतंकी को दोषी पाया और सजा सुनाई.

Batla House Shootout Encounter Case: बाटला हाउस मुठभेड़ की पूरी सच्ची कहानी, जामिया जाकिर नगर एल 18 बाटला एनकाउंटर में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की शहादत की असली कहानी पर जॉन अब्राहम की फिल्म का ट्रेलर रिलीज

मनमोहन सिंह सरकार के पहले कार्यकाल के आखिरी साल में बाटला हाउस एनकाउंटर ने सरकार के लिए काफी मुसीबत खड़ी कीं. कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ही मुठभेड़ को फर्जी बता रहे थे तो समाजवादी पार्टी से लेकर तमाम सेकुलर दल दिल्ली पुलिस को कटघरे में खड़े कर रहे थे. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जांच के बाद पुलिस पर लगे आरोपों को तो खारिज कर दिया लेकिन राजनीतिक विवाद उससे थमा नहीं. आज भी ये लोग मानने वाले हैं कि एनकाउंटर फेक था. सवाल भी है कि फेक था तो मोहनचंद शर्मा की शहादत कैसे हुई. ये फिल्म उस विवाद को ठंडा करेगी या और आगे बढ़ाएगी, ये रिलीज के बाद ही पता चलेगा.

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