Babil Khan: बाबिल ने शेयर की अपने पिता के कुछ यादें, अधूरी रह गई एक ख्वाहिश

नई दिल्ली: अपने पिता इरफान खान के काफी करीब थे बाबिल खान। यही कारण है कि उनकी मौत के बाद भी वे अक्सर उन्हें याद करते दिखाई देते हैं। बता दें कि 29 अप्रैल, 2020 को एक्टर इरफान खान अपनी जिंदगी से जंग हार गए थे। उस समय से ले कर अब तक उनके बेटे […]

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Babil Khan: बाबिल ने शेयर की अपने पिता के कुछ यादें, अधूरी रह गई एक ख्वाहिश

Janhvi Srivastav

  • February 10, 2024 7:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली: अपने पिता इरफान खान के काफी करीब थे बाबिल खान। यही कारण है कि उनकी मौत के बाद भी वे अक्सर उन्हें याद करते दिखाई देते हैं। बता दें कि 29 अप्रैल, 2020 को एक्टर इरफान खान अपनी जिंदगी से जंग हार गए थे। उस समय से ले कर अब तक उनके बेटे बाबिल कई बार उन्हें याद करते हुए इमोशनल पोस्ट के जरिए लिखते हुए नजर आते हैं। वहीं एक बार फिर बाबिल(Babil Khan) ने पिता को याद करते हुए अपनी बॉन्डिंग के बारे में बताया है।

जानकारी दे दें कि बाबिल खान ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इरफान खान की एक फोटो शेयर की है और इस तस्वीर में इरफान किसी पानी के जहाज पर फिशिंग रॉड पकड़े नजर आ रहे हैं। इस फोटो को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है कि कोई भी उन्हें उस तरह से नहीं जानता जैसा मैंने जाना है, किसी ने भी मुझे उस तरह से नहीं जाना जैसे उन्होंने मुझे जाना है।

पिता को किया याद

बाबिल खान ने आगे लिखा कि यह सिर्फ कहना आसान है, उनको याद करना आसान है, उनको खोने के बारे में इमोशनल होना या रोना आसान है, लेकिन क्या आपको पता है कि मुश्किल क्या है? तो मुश्किल है उनकी आवाज में उस मस्ती को याद करना जब भी वो उससी ऊंची में उठकर चिल्लाते हुए कहते थे कि बाबिलुउउउ!! हमेशा वह मुझे देखते थे और फिर जब वह शूटिंग कि वजह से दूर होते थे, तो सिर्फ उस खाली समय में भी उन्हें खोना बहुत दर्दनाक होता था।

 

शेयर की पिता के संग बॉन्डिंग

वहीं बाबिल यह भी लिखते हैं कि यह याद रखना नामुमकिन है कि जब वह अपनी स्क्रिप्ट पढ़ते थे तो उनकी दाढ़ी मेरी उंगलियों पर कैसे महसूस होती थी और जब मैं उनके गालों को खरोंचता था या जब वह झपकी लेते थे तो मेरी उंगलियों की नोक उनकी आंखों की पलकों पर धीरे से कैसे टिकती थी। बहुत गहरी थी उनकी आवाज, जिससे कि मुझमें एक सौम्य प्रार्थना प्राप्त होती थी, एक ऐसी प्रार्थना जो किसी के अंदर से तभी उठ सकती है जब कोई बाहर की शक्ति आपके वजूद की घबराहट(Babil Khan) को शांत कर देती है।

अधूरी रह गई ये ख्वाहिश

बता दें कि अपनी आखिरी ख्वाहिश जाहिर करते हुए बाबिल ने लिखा कि काश मैं आपके साथ एक आखिरी डांस कर पाता और आपको यह भी बता दूं कि आपकी सीख के बिना, मैं कभी भी जिंदा नहीं रह पात। इतना ही नहीं मैं आपको कहीं आगे फिर से देखूंगा और ढूंढूंगा।

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